U.S. President Donald Trump shakes hands with India's Prime Minister Narendra Modi as they begin a meeting in the Oval Office of the White House in Washington, U.S., June 26, 2017. REUTERS/Carlos Barria - RTS18QGX

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप को इस मुकदमे में मिली शानदार जीत अब राष्ट्रपति के चुनाव में…

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप को आखिरकार महाभियोग के मुकदमे से मुक्ति मिल गई है। दो सप्ताह तक चले ट्रायल के बाद सत्ता के दुरुपयोग के आरोप सीनेट में खारिज कर दिए गए हैं। रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट ने शक्ति के दुरुपयोग के आरोप को 52-48 के अंतर से खारिज किया तो कांग्रेस (संसद) की कार्रवाई बाधित करने के आरोप से 53-47 वोट के अंतर से मुक्त घोषित किया गया। माना जा रहा है कि इस जीत को ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में जमकर भुनाएंगे।

U.S. President Donald Trump shakes hands with India’s Prime Minister Narendra Modi as they begin a meeting in the Oval Office of the White House in Washington, U.S., June 26, 2017. REUTERS/Carlos Barria – RTS18QGX

52 रिपब्लिकन ने उन्हें सत्ता के दुरुपयोग के आरोप से मुक्त करने के पक्ष में वोट दिया तो 47 डैमोक्रैट्स ने उन्हें दोषी ठहराने और पद से हटाने के लिए वोट किया। एकमात्र रिपब्लिकन सीनेटर मिट रोमनी ने सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों पर ट्रंप के खिलाफ वोट किया। हालांकि, संसद के काम में बाधा पहुंचाने के आरोप को उन्होंने भी खारिज किया। सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में 18 दिसंबर महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया था। विपक्षी डेमोक्रैट्स के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में महाभियोग के पक्ष में 230 और विरोध में 197 वोट पड़े थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति की सीनेट में जीत तय मानी जा रही थी। हालांकि, सीनेट में महाभियोग खारिज होने के बावजूद डैमोक्रेटिक पार्टी की अगुआई में चल रही जांच समाप्त नहीं होगी, लेकिन इससे ट्रंप को और चार साल दोबारा वॉइट हाउस पर काबिज होने के अभियान में बढ़त मिलेगी। सर्वे एजेंसी गैलप के मुताबिक ट्रंप को पूरे कार्यकाल में 50 फीसदी समर्थन नहीं मिला लेकिन अमेरिका में हुई राजनीतिक ध्रुवीकरण के कारण महाभियोग पर फैसला आने की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति को 49 फीसदी लोगों का समर्थन मिला जो अबतक सबसे अधिक है।

ट्रंप को दोबारा जिताने के लिए देशभर में हो रही रैलियों में उनके कट्टर दक्षिणपंथी समर्थक जुट रहे हैं और ट्रंप का मानना है कि जीत के लिए इन लोगों का समर्थन पर्याप्त है। उनको उस समय और ताकत मिली जब आयोवा के डैमोक्रेटिक कॉकस में विपक्षी पार्टी खंडित दिखी और तकनीकी खामी की वजह से नतीजे आने में देरी हुई।

ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन समेत अपने घरेलू प्रतिद्वंद्वियों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से गैरकानूनी रूप से मदद मांगी।

आपको बता दें कि डॉनल्ड ट्रंप से पहले अमेरिका के दो और राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई है। 1868 में ऐंड्यू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन दोनों ही नेता अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे थे। इसके अलावा रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।