मुलायम सिंह के खिलाफ केस वापस लेने की तैयारी

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश की सियासत के सबसे चर्चित गेस्ट हाउस कांड में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर अपना रुख नरम कर लिया है. मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में मुलायम सिंह पर से मुकदमा वापस लेने का शपथ पत्र देकर यूपी की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. हालांकि, मायावती गेस्ट हाउस कांड में सिर्फ मुलायम पर मुलायम हो रही है. मामले से जुड़े हुए बाकी लोगों पर केस चलता रहेगा.

बता दें कि सपा-बसपा का गठबंधन के दौरान ही गेस्ट हाउस कांड से केस वापस लेने की पथकथा लिखी गई थी. फरवरी में दोनों पक्षों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में गेस्ट हाउस केस वापस करने की अर्जी दे दी थी, जिस पर दो डेट भी पड़ चुकी है. इस तरह से गठबंधन टूटने के बाद भी मायावती ने अपने वादे पर कायम हैं और अब जल्द ही गेस्ट हाउस कांड में मुलायम के खिलाफ आखिरी तौर पर केस वापस ले सकती है.

गेस्ट हाउस केस वापस लेने पर चर्चा

मायावती ने गुरुवार को बसपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में गेस्ट हाउस कांड केस वापस लेने को लेकर चर्चा हुई. मायावती के करीबी सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत अर्जी की तैयारी की जा चुकी है. इसमें मुलायम सिंह यादव पर से केस वापस लिया जाएगा, लेकिन बाकी लोगों के खिलाफ यह मामला चलेगा.

बता दें कि बाबरी विध्वंस के बाद 1993 में सपा-बसपा ने गठबंधन कर साथ चुनाव लड़े थे. इसके बाद मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार भी बनाई, लेकिन दो साल में ही रिश्तों में खटास आ गई. 2 जून 1995 को मायावती ने गठबंधन तोड़ने को लेकर स्टेट गेस्ट हाउस में बसपा विधायकों की बैठक बुलाई, जहां सपा नेताओं ने सैकड़ों समर्थकों के साथ गेस्ट हाउस पर हमला कर दिया.

सपा नेताओं के हमले से बचने के लिए मायावती ने खुद को कमरे में बंद कर लिय था. आरोप है कि सपा के नेताओं ने मायावती के साथ बदसलूकी की थी. यह विवाद पूरे देश में चर्चित हुआ था.

कई सपा नेताओं के खिलाफ केस

इस मामले में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, बेनी प्रसाद वर्मा और आजम खान सहित कई सपा नेताओं के खिलाफ मायावती ने हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज करवाया था. यह मामला आज भी अदालत में लंबित है.

यह मामला इतना बड़ा था कि मायावती और समाजवादी पार्टी के बीच किसी भी संबंध का सबसे बड़ा रोड़ा माना जाता है, लेकिन पिछले चुनाव में गठबंधन के समय इस केस को किनारे रखकर दोनों दल साथ आए थे. हालांकि, तभी से इस बात की चर्चा थी कि देर सवेर गेस्ट हाउस कांड पर मायावती नरम हो सकती हैं.