प्राग्ना ने हासिल की शानदार उपलब्धि

प्राग्ना वर्ल्ड यूथ चेस चैम्पियनशिप के अंतिम दिन शनिवार को अंडर-18 ओपन वर्ग का चैम्पियन बनकर उभरे. प्राग्ना ने शानदार उपलब्धि हासिल करते हुए सोना जीता. चेन्नई के 14 वर्ष के ग्रैंड मास्टर ने 11वें  अंतिम राउंड में जर्मनी के वालेनटिन बुकेल्स के विरूद्ध ड्रॉ खेला  9 अंकों के साथ विजेता बने. प्राग्ना को हालांकि अपने ही देश के आईएम अर्जुन कल्याणा का शुक्रिया अदा करना चाहिए, जिन्होंने इस वर्ग में टॉप सीड अर्मेनिया के शांत एस को बराबरी पर रोका.

शांत अगर जीत जाते तो प्राग्ना भारी दबाव में होत, लेकिन शांत अर्जुन की बाजियों का जवाब नहीं दे सके  अंक बांटने पर विवश हुए. इससे प्राग्ना को खिताब जीतने का मौका मिल गया.

भारत के लिए इस चैम्पियनशिप में कुल सात मेडल आए. इसमें तीन रजत  तीन कांस्य शामिल हैं. यू-16 गर्ल्स कटेगरी में हिंदुस्तान की बीएम अक्षया मेडल नहीं जीत सकीं. वह अनोशा माधियान से हाकर मेडल से दूर हो गईं.

यू-14 वर्ग में हिंदुस्तान की लड़कियों ने शानदार प्रदर्शन किया. दिव्या देशमुख  रक्षिता रवि ने दो मेडल दिलाए. टॉप सीड डब्ल्यूआईएम दिव्या इवेंट के मध्यम से मेडल की दौड़ से दूर दिखाई दे रही थीं लेकिन उन्होंने बाद में शानदार प्रदर्शन कर अपने लिए रजत मेडल पक्का किया.

रक्षिता ने भी ओवरनाइट लीडर बैट ई मुंगगुनजुल को हराया  कांस्य जीतने में पास रहीं. कजाकिस्तान की मेरउर्ट के हालांकि इस कटेगरी में स्टार बनकर उभरीं. उन्होंने इस वर्ग का सोना जीता.

वंतिका के पास सोना जीतने का मौका था. कारण यह था कि टॉप सीड रूस की पोलिना एस अपने अंतिम राउंड मुकाबले में ड्रा कर बैठीं. उनके खाते में कुल 8.5 अंक आए. वंतिका ने 8 अंकों के साथ दूसरा जगह हासिल किया. वह अपने अंतिम मुकाबले में रूस की एलेक्सजेंड्रा ओ को बराबरी पर ही रोक सकीं.