आज जीवन इंश्योरेंस करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की रोज खाना-पीना। क्योंकि लाइफ इंश्योरेंस लेने से आपकी बुढ़ापे की जिंदगी या आपके नहीं रहने पर आपके परिवार की जिंदगी थोड़ी सरल हो जाती है।
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि पोस्ट कार्यालय बैंकिंग सुविधा के साथ-साथ जीवन इंश्योरेंस कराने की सुविधा भी देता है। हिंदुस्तान में ब्रिटिश शासन के दौरान ही 1 फ़रवरी 1884 को Postal Life Insurance यानी PLI पेश किया गया था। यह हिंदुस्तान की सबसे पुरानी ज़िंदगी बीमा स्कीम मानी जा सकती है। इस योजना के तहत अब आप लगभग 10 लाख रुपये तक का जीवन इंश्योरेंस ले सकते हैं। जानें पोस्ट कार्यालय की जीवन इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में कुछ खास बातें
Postal Life Insurance के इस प्लान को सुविधा के नाम से भी जाना जाता है। ये स्कीम Endowment Assurance जैसी ही है। 5 वर्ष सारे होने के बाद यह पॉलिसी Endowment Assurance में चेंज किया जा सकता है।
बीमाकर्ता की आयु बदलाव के समय 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
यदि छह वर्षों तक बीमाकर्ता द्वारा बदलाव विकल्प का चयन नहीं किया जाता है तो पॉलिसी को Whole Life Assurance माना जायेगा।
इस प्लान में ऋण सुविधा भी उपलब्ध है व तीन वर्षों के बाद पॉलिसी को आत्म समर्पण भी किया जा सकता है।
Postal Life Insurance के इस प्लान को सुमंगल के नाम से भी जाना जाता है यह प्लान 5 लाख रुपये के अधिकतम बीमित रकम के साथ एक मनी बैक पॉलिसी है।
ऐसे लोग जिन्हें समय समय पर रिटर्न की जरूरत होती है यह पॉलिसी उन लोगों के अनुकूल है। इस प्लान के भीतर बीमाकर्ता को समय-समय पर Survival Benefits मिलते रहते हैं।
बीमाकर्ता की अप्रत्याशित मौत की स्थिति में इस तरह के भुगतान को कंसीडर नहीं किया जाता है व Assignee, नामित आदमी या क़ानूनी उत्तराधिकारी को अर्जित बोनस के साथ पूर्ण बीमा राशि देय होगी।
Postal Life Insurance के इस प्लान के भीतर दो तरह की पॉलिसी एक जो 15 वर्षों व दूसरी 20 वर्षों के लिए उपलब्ध हैं। 15 वर्षों की पॉलिसी लेने पर बीमाकर्ता को 6 वर्षों के बाद कुल जमा राशि का 20%, 9 वर्षों के बाद फिर से 20%, 12 वर्षों के बाद फिर से 20% व 15 वर्ष सारे होने पर 40% एवं अर्जित किया गया बोनस देने का प्रावधान है।
20 वर्षों की पॉलिसी लेने पर आठ वर्षों के बाद 20%, 12 वर्षों के बाद 20%, 16 वर्षों के बाद 20% व 20 वर्षों के बाद 40% एवं अर्जित किये गए बोनस को देने का प्रावधान है।