पीएम मोदी सोमवार को करेंगे चर्चा, लॉकडाउन के अलावा इन मुद्दों पर होगी बात

दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे ऐसे राज्य भी है, जहां बिना राशनकार्ड धारी गरीबों, मजदूरों की तादाद काफी अधिक है। राज्य सरकारें बिना राशन कार्ड वाले मजदूरों को खाद्यान्न या भोजन उपलब्ध करा रही हैं, लेकिन उनके लिए यह व्यावहारिक रूप में कठिनाई भरा भी है।

दूसरे राज्यों में गए गरीब, मजदूरों को वापस लाने का दबाव उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर भी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसके लिए काफी संवेदनशील हैं। राजस्थान सरकार के एक मंत्री तो केंद्र सरकार की 24 मार्च को अचानक शुरू होने वाली लॉकडाउन पॉलिसी के ही खिलाफ हैं।

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश को मजदूरों की चिंता है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी फोन पर माना कि मजदूरों की अभी काफी बड़ी तादाद दिल्ली में है। इनके लिए कोई काम धंधा नहीं है। सूत्र का कहना है कि वे सभी अपने गांव जाना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन में फंसे हैं।

उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक का भी कहना है कि मजदूर पैदल, रिक्शा, या रिक्शा गाड़ी, साइकिल चलाकर गांव पहुंचने में दम तोड़े दे रहा है। इस तरह की खबरें परेशान करती हैं। उनका कहना है कि इन सभी मजदूरों को लाकर स्कूल आदि में क्वारंटीन कर देना चाहिए।

जांच रिपोर्ट सही आने के बाद इन्हें घर भेज देना चाहिए। उनके पास आए दिन दूसरे राज्य में फंसे लोगों को लाने के लिए विशेष पास का फोन आ रहे हैं, लेकिन वह कोई खास मदद नहीं कर पा रहे हैं।

उद्धव ठाकरे भी चाहते हैं कि जो अपने गृहराज्य जाना चाहते हों, उनके लिए कुछ व्यवस्था होनी चाहिए। इसी तरह से दूसरे राज्य में पर्यटन या किन्हीं अन्य कारण से गए तथा लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों को लाने का दबाव है।

सोमवार, 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे। कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए राज्यों के साथ विचारों को साझा करेंगे। हालांकि लगभग सभी राज्य लॉकडाउन जारी रखने के पक्षधर हैं.

इस दौरान गैरभाजपा शासित राज्यों की ओर से प्रधानमंत्री के सामने कुछ ज्वलंत मुद्दे मुखरता से उठ सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार लगातार केंद्र सरकार से दूसरे राज्यों के गरीब मजदूरों, कामगारों को लेकर संपर्क कर रही है।