अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर जायेंगे पीएम मोदी , करेंगे ये काम

वाशिंगटन में मोदी की राष्ट्रपति बाइडन और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की अलग द्विपक्षीय वार्ता होने की उम्मीद है. मोदी और बाइडन की द्विपक्षीय बैठक व्हाइट हाउस में 23 सितंबर को होने की उम्मीद है. जनवरी में बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेता डिजिटल माध्यम से कई बार संवाद कर चुके हैं.

 

पिछली बार मोदी ने सितंबर 2019 में अमेरिका की यात्रा की थी. तब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. बयान में बताया गया कि ये नेता 12 मार्च को ऑनलाइन हुए शिखर सम्मेलन के बाद हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और साझा हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

मंत्रालय ने कहा, ” कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के उनके प्रयासों के तौर पर, वे क्वाड टीकाकरण पहल की समीक्षा करेंगे, जिसकी घोषणा मार्च में की गई थी.” उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं.

अमेरिका क्वाड समूह की बैठक कर रहा है जिसमें समूह के नेता हिस्सा लेंगे. इसके जरिये अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और समूह के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का मजबूत संकेत देना चाहता है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र के एक उच्च स्तरीय खंड को भी संबोधित करने का कार्यक्रम है. जो बाइडन के अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी.

मंत्रालय ने बयान में कहा, ”प्रधानमंत्री 24 सितंबर को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.” इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर जायेंगे. वहां वह 24 सितंबर को वाशिंगटन में क्वाड समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी घोषणा की.

क्वाड नेताओं की उपस्थिति में होने वाली इस बैठक में मुक्त तथा समावेशी हिन्द प्रशांत, अफगानिस्तान संकट सहित विश्व की समसामयिक चुनौतियों पर चर्चा किये जाने की संभावना है.