पीएम मोदी ने फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से की बात, कहा- ‘मानवीय सहायता जारी रखेंगे’, संबंधों पर भी दिया बयान

इजरायल और हमास में जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (19 अक्टूबर) को फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने गाजा के अल-अहली अस्पताल में हुए विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की.

साथ ही संबंधों को लेकर भी रुख स्पष्ट किया. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी.

पीएम मोदी ने कहा, ”फलस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ बातचीत की. इस दौरान मैंने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की. हम फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे. हमने क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की है.”

उन्होंने कहा, ”हमने इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया.” पिछले कुछ सालों में भारत और इजरायल के बीच नजदीकी बढ़ी है. ऐसे में पीएम मोदी के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है.

विपक्षी पार्टियां भी भारत सरकार से फलस्तीन के साथ खड़े होने की बात कह रही है. हमास के हमले के बाद पीएम मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि हम आपके साथ एकजुटता से खड़े हैं. पीएम मोदी ने हमास के हमले को आतंकी घटना बताया.

इजरायल ने क्या कहा?
दरअसल, मंगलवार (17 अक्टूबर) को अस्पताल में हुए विस्फोट में 450 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. हमास का दावा है कि इजरायल ने एयरस्ट्राइक किया. वहीं इजरायल का कहना है कि वो जिम्मेदार नहीं है. हमास के रॉकेट से विस्फोट हुए हैं.

बता दें कि फलस्तीन में महमूद अब्बास की सरकार है तो गाजा प्रांत में हमास का शासन है.

इजरायल और हमास के बीच 13 दिन से जंग जारी
इजरायल और हमास में सात अक्टूबर को तब जंग शुरू हो गई थी, जब हमास ने इजरायल में घुसपैठ कर आम नागरिकों को निशाना बनाया था. इसके बाद इजरायल ने गाजा पर एयरस्ट्राइक शुरू किए. यह जंग लगातार 13वें दिन भी जारी है.

न्यूज एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि जंग में 3 हजार 785 लोगों की जान गई हैं. इसमें 12 हजार 500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. वहीं इजरायल में 1 हजार 400 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी.