कोरोना वायरस के संकट को दूर करने के लिए पीएम मोदी ने उठाया अब तक का सबसे बड़ा कदम, कहा ये…

विदेश प्रदेश मंत्री वी। मुरलीधरन ने लोकसभा में बताया कि पीएम ने कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए चाइना के लोगों के साथ हिंदुस्तानियों एवं हिंदुस्तान सरकार की एकजुटता जाहीर करते हुए वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेटर लिखा था।

 

इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान से वुहान (Wuhan) में 15 टन मेडिकल मदद (Medical Assistance) भेजी गई।

इसमें एक लाख सर्जिकल मास्क (Mask) , 5 लाख जोड़े सर्जिकल दस्ताने, 75 इंफ्यूजन पंप, 30 इंटेरल फीडिंग पंप, 21 डिफाइब्रिलेटर व 4000 एन-95 मास्क आदि शामिल हैं।

मेडिकल सहायता पर 2.11 करोड़ रुपये का खर्च हुआ। सरकार के मुताबिक यह पूरी सामग्री हुबेई चैरिटी फेडरेशन को सौंपी गई।

इंडिया -चाइना इकोनॉमिक कल्चरल काउंसिल (India China Economic and Cultural Council) के सेक्रेटरी जनरल प्रोफेसर मो। साकिब  से वार्ता में बोला कि हिंदुस्तान व चाइना के बीच आर्थिक व सांस्कृतिक संबंध बहुत गहरे हैं।

हिंदुस्तान सरकार चाइना की जितनी मदद करना चाहती थी शायद उतनी नहीं कर पाई क्योंकि कोरोना का संकट अपने देश में भी आ गया है।

इसके बावजूद बहुत ज्यादा मेडिकल सहायता सबसे ज्यादा चुनौती का सामना कर रहे वुहान को भेजी गई है।
हिंदुस्तान सरकार ने चाइना को मेडिकल सहायता भेजी है

व्यक्तिगत तौर पर भी कुछ लोग मदद करना चाहते थे लेकिन लॉजिस्टिक समस्या की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाए। क्योंकि सबकुछ बंद है।

साकिब का बोलना है कि कारोना की वजह से कारोबार ठप होने के कारण दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार में कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन अभी नहीं हुआ है।

वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस  के संकट से निपटने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने इससे सबसे ज्यादा प्रभावित चाइना (China) को मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।

सरकार ने 15 टन मेडिकल सामान वुहान भेजा है जहां से कोरोना वायरस संसार भर में फैला। इससे पहले सरकार ने सार्क राष्ट्रों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके उन्हें मदद की पेशकश की थी।