कोरोना को रोकने के लिए पीएम मोदी ने उठाया ये बड़ा कदम, करने जा रहे महाराष्ट्र सहित पंजाब में…

लॉकडाउन के बजाय , केंद्र चाहता है कि राज्यों को सार्वजनिक स्थानों पर नियमों की अवहेलना करने वाले चूककर्ताओं पर बड़े पैमाने पर जुर्माना लगाना चाहिए,सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा को प्रतिबंधित करना चाहिए.

कंटेनमेंट जोन बनाने चाहिए और व्यापक स्तर पर संक्रमण फैलाने (सुपर स्प्रेडर) बन सकने वाले बाजारों,उत्सवों , मेलों, सामाजिक और धार्मिक समागमों को प्रतिबंधित करना चाहिए.

केंद्र इस बात से खफा है कि राज्य, पर्याप्त टीकाकरण नहीं कर रहे हैं . कुल टीकाकरण 78 दिनों में 7.60 करोड़ हो पाया है अर्थात एक दिन में 9.80 लाख वैक्सीन औसतन लग रही हैं.

पिछले 14 दिनों में सकल मामलों में 57 प्रतिशत और मौतों में 47 फीसदी योगदान महाराष्ट्र का रहा है. पंजाब एवं छत्तीसगढ़ में भी मामले तेजी से बढ़े हैं. केंद्रीय दल इन तीन राज्यों में भेजा जाएगा.

चूककर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई, कड़े कदम प्रधान मंत्री ने संक्रमण के मामलों में आई तेजी पर चिंता जाहिर करते हुए इस बारे में पूर्व में लिए गए फैसलों को सख्ती से लागू करने और लोगों द्वारा कोविद उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) सुनिश्चित करने के मामलें में राज्य सरकारों की कथित विफलता पर पीड़ा व्यक्त की.

कोरोना वायरस से संक्रमण की दूसरी चिंताजनक लहर की वजह से भारत इस मामले में अमेरिका और ब्राजील को पीछे छोड़ दुनिया का नंबर एक देश बन गया है.

इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक में हालात की समीक्षा की. संक्रमण और टीकाकरण पर दो प्रस्तुतीकरण पीएम के समक्ष किए गए.

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कल राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ विचार-विमर्श के तुरंत बाद पीएम ने यह बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रमुख सचिव पी के मिश्रा,विभिन्न विभागों के सचिव ,नीति आयोग के सदस्यों और अन्य ने भाग लिया.

91 फीसदी से अधिक मामले दस राज्यों से प्रधानमंत्री विशेषकर इस बात से विचलित थे कि कोविड संक्रमण और उससे मौतों के 91 फीसदी से अधिक मामले दस राज्यों से आ रहे हैं.

देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने महामारी के सतत प्रबंधन और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के साथ ही जन भागीदारी और जन आंदोलन जारी रखने की जरूरत पर बल दिया.

संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उन्होंने टेस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (संपर्कों का पता लगाना), ट्रीटमेंट (उपचार करना), कोविड बचाव संबंधी सावधानियां और टीकाकरण की पांच स्तरीय रणनीति को बेहद गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ अपनाने पर जोर दिया.