गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने किया ये काम , पहने दिखे उत्तराखंड की टोपी और मणिपुर का गमछा

गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर से अपने ही अंदाज में नजर आए हैं। प्रतीकों की राजनीति के लिए मशहूर पीएम नरेंद्र मोदी इस दौरान उत्तराखंड की टोपी और मणिपुर का गमछा पहने दिखे। उनकी टोपी पर उत्तराखंड के राज्यपुष्प ब्रह्मकमल भी अंकित था। इन दोनों ही राज्यों में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की वेशभूषा को इन दोनों राज्यों के लिए संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। वह अकसर ही देश के अलग-अलग हिस्सों की वेशभूषा में नजर आते रहे हैं। प्रतीकों की राजनीति के लिए चर्चित रहे पीएम मोदी की इस वेशभूषा को भी इसीलिए चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी ठीक सुबह 10 बजे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचे और दो मिनट का मौन रखकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पुष्प अर्पित किए। हाल ही में इंडिया गेट पर रखी अमर जवान ज्योति को भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारत पर शहीदों के सम्मान में प्रज्ज्वलित ज्योति में विलीन किया गया था। इसके अलावा इंडिया गेट पर 23 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था। यहां एक भव्य प्रतिमा रखी जानी है। तब तक के लिए होलोग्राम की अस्थायी व्यवस्था की गई है।

इस बार का गणतंत्र दिवस भी बेहद खास है। रिपब्लिक डे परेड के लिए कोरोना वॉरियर्स, सेंट्रल विस्टा के निर्माण में लगे मजदूरों को विशिष्ट अतिथि का दर्जा दिया गया है। इस बार गणतंत्र दिवस में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकी प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार के 9 मंत्रालयों की झांकी भी राजपथ पर दिखेगी। रिपब्लिक डे के मौके पर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने भी ध्वजारोहण किया है। लखनऊ में तिरंगा फहराने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें देश के जीवंत लोकतंत्र पर गर्व करना चाहिए।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘देश के संविधान ने पिछड़े वर्गों को अधिकार दिए हैं। देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को न केवल सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा है बल्कि देश दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्र के तौर पर अपनी यात्रा को आगे बढ़ा रहा है। आज जब यह देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है तो हम सभी को गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।’