सरकार ने साफ किया है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियां अपने उत्पादन का आधा हिस्सा सरकार को देने के बाद बाकी के वैक्सीन बाजार में सकती हैं। हालांकि, उन्हें पहले अपने वैक्सीन की उचित कीमत तय करनी होगी। सभी राज्य सरकारें, प्राइवेट अस्पताल और आम आदमी यह वैक्सीन खरीद सकेंगे।
सरकार ने सभी फार्मा कंपनियों से कहा है कि वो अपने वैक्सीन के कुल उत्पादन का आधा हिस्सा सरकार को देंगी। यह हिस्सा सरकार मुफ्त में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाएगी। बाकी की वैक्सीन सभी कंपनियां सीधे राज्य सरकारों को या फिर बाजार में बेचने के लिए मुक्त होंगी।
केन्द्र सरकार अपने हिस्से की वैक्सीन को सभी राज्यों में जरूरत के हिसाब से वितरित करेगा। जिन राज्यों में संक्रमण ज्यादा है उन्हें ज्यादा मात्रा में वैक्सीन दी जाएंगी। जहां संक्रमण कम है वहां कम सप्लाई होगी।
इसके अलावा राज्य किस तेजी से वैक्सीनेशन कर रहे हैं और वैक्सीन की बर्बादी कितनी कम है। वैक्सीन के वितरण के समय इन बातों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (आज) सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों, देश के प्रमुख डॉक्टरों और शीर्ष फार्मा कंपनियों के साथ मीटिंग की। उसके बाद वैक्सीनेशन के तीसरे चरण का ऐलान किया है।
उन्होंने सबसे पहले सुबह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना संकट को लेकर बैठक की। फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के प्रमुख डॉक्टरों के साथ कोरोना की स्थिति पर चर्चा की। इसके बाद शाम 6 बजे उन्होंने शीर्ष फार्मा कंपनियों के साथ संवाद किया।