लड़कियों की शादी को लेकर पीएम मोदी ने किया ये बड़ा इशारा, जानिए पूरी खबर

लड़कियों की शादी की उम्र में बदलाव कर सरकार मातृ मृत्युदर में कमी लाना चाहती है। सरकार की ये कवायद सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई उस टिप्पणी के बाद उठाया गया कदम है।

जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वैवाहिक बलात्कार से बेटियों को बचाने के लिए बाल विवाह पूरी तरह से अवैध माना जाना चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोट ने विवाह के लिए न्यूनतम आयु पर फैसला करने का काम सरकार पर छोड़ दिया था।

यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 27 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले और सात प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले हो जाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि लड़कियों की शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। इस कमेटी की तरफ से रिपोर्ट दिए आने के बाद बेटियों की शादी की उम्र को लेकर उचित फैसले लिए जाएंगे।

कमेटी उन प्रयासों को भी देखेगी जो लड़कियों में कुपोषण को कम करने के लिए उठाए जा सकते हैं। साल 1978 से भारत में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है। भारत सरकार ने इसे बढ़ाने के लिए इस साल जून में एक कमेटी का गठन किया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र की सरकार समीक्षा कर रही है, जिस पर पुनर्विचार के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है।

देश में कल 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया। अपने अभिभाषण के दौरान पीएम मोदी ने महिलाशक्ति का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से महिला शक्ति को सलाम किया। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाशक्ति को जब-जब मौका मिला है, उन्होंने देश का नाम रोशन किया और देश को मजबूती दी है।