पीएम मोदी ने किया देश की नई वैक्सीन रणनीति का ऐलान , जानिए सबसे पहले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई नीति का ऐलान किया, लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि एक जून को इस नीति को लेकर प्रधानमंत्री को एक प्रेजेंटेशन दी गई थी. उसी दिन इसपर मुहर लग गई थी.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, 31 मई तक कई राज्य वैक्सीन इकट्ठा करने में फेल रहे, जिसके बाद इसपर विचार किया गया, इस बीच 3 जून को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आ गई, हालांकि तबतक रोडमैप तैयार हो गया था.

अब केंद्र ने अपनी वैक्सीन पॉलिसी पर जो यू-टर्न लिया, उसको उन्होंने सही करार दिया और कहा कि करीब दस राज्यों ने अपील की थी कि केंद्र ही वैक्सीनेशन के प्रोग्राम को चलाए और वैक्सीन निर्माताओं से सप्लाई ले.

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार और विपक्ष के दबाव के कारण सरकार ने ये फैसला लिया है. वहीं, इससे अलग पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ये भी संकेत दिया कि कैसे अप्रैल के आखिर में राज्य सरकारों और विपक्ष ने वैक्सीनेशन के अधिकार में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाने की वकालत की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की नई वैक्सीन रणनीति का ऐलान किया. 8 हफ्ते के बाद भारत एक बार फिर अपनी उसी नीति पर पहुंचा है, जहां केंद्र के पास वैक्सीनेशन का सबसे अधिक अधिकार है. एक मई से वैक्सीन लगाने को लेकर कुछ बदलाव किया गया था.

जिसमें 18-44 साल के उम्र वाले लोगों के लिए टीकाकरण का 25 फीसदी हिस्सा राज्यों को लेने का अधिकार दिया गया. लेकिन अब जब वैक्सीन गाइडलाइन्स का 3.0 वर्जन आया है, तो फिर सबसे पहली गाइडलाइन्स का रुख किया गया है जहां केंद्र सर्वोपरि है और राज्यों को वैक्सीनेशन के लिए पैसा नहीं देना होगा.