पीएम मोदी व डोनाल्‍ड ट्रंप को एक साथ देख तिलमिलाया ये देश, मजबूरी में दी…

अमेरिका चीन को प्रतिद्वंद्वी मानता है। अमेरिकी रुख में निकट भविष्य में कोई बदलाव आने वाला नहीं है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि नई दिल्ली के साथ वाशिंगटन का असली हित चीनी हितों को रोकना है।

 

इसलिए भारत के साथ टैरिफ वॉर के बावजूद ट्रंप ने सितंबर 2019 में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का अमेरिका में गर्मजोशी से स्वागत किया था।

अंतर्राष्ट्रीय स्थिति बदल रही है, इसलिए चीन इसे हल्के में नहीं ले सकता है। चीन का मानना है कि अमेरिका ने भारत को कभी अपने प्रतिद्वंद्वी के तौर पर नहीं देखा है।

वह इसे एशिया में शक्ति संतुलन के रूप में देखता है। ट्रंप के भारत दौरे का मकसद महज केवल हथियार बेचना है, लेकिन वह केवल पैसे नहीं चाहते हैं।

ट्रंप इसके जरिए वैश्विक रिश्तों को नया आयाम देने पर जोर दे रहे हैं, जोकि अमेरिका के हिंद-प्रशांत रणनीति का हिस्सा है।

चीन और पाकिस्‍तान अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की भारत यात्रा पर पैनी नजर रखे हुए हैं। ड्रैगन तो भारत के नमस्‍ते ट्रंप कार्यक्रम से पूरी तरह से तिलमिलाया हुआ है .

इसे खतरे की घंटी बता रहा है। ‘नमस्‍ते ट्रंप’ के जरिए चीन की निगाहें ट्रंप और मोदी की दोस्‍ती पर टिकी हुई है। चीन सरकार ने अपने मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स में जहां ट्रंप की इस यात्रा पर बड़ी चिंताएं जाहिर की हैं.

वहीं पाकिस्‍तान ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। ग्‍लोबल टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक संतुलन बनाने में जुटा है।

वह अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चीन के पड़ोसियों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। भारत और इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए वाशिंगटन और नई दिल्ली के साथ सहयोग बढ़ाने में जुटा है इसलिए पेइचिंग को इस पर पूरी तरह से गौर करना चाहिए।