झडापिया का नाम उन 17 लोगों में शुमार है, जिन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के चलते राज्य का प्रभारी बनाया है। 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान झडापिया गुजरात के गृहमंत्री पद पर थे। उनपर आरोप लगा था कि तीन दिनों तक चले सांप्रदायिक दंगों के समय उन्होंने कठोर कार्यवाही नहीं की थी। इन दंगों में लगभग 1,000 लोग मारे गए थे जिसमें अधिकांश मुस्लिम थे।
तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी के द्वारा उन्हें गृहमंत्री के पद से हटाने के बाद वे मोदी के प्रखर आलोचक बन गए थे। 2007 में अपनी अलग पार्टी बनाकर उन्होंने बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इसके बाद उन्होंने मोदी के दूसरे आलोचक व पूर्व CM केशुभाई पटेल के साथ गहबांधन कर लिया था। लेकिन अब जब वे वापिस बीजेपी में आ चुके हैं, तो उनके कन्धों पर उत्तर प्रदेश में बीजेपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी है।