पीतल के बर्तन में खाना खाने से मिलता है बड़ा फायदा

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सुवर्ण व पीतल की ही तरह पीला रंग देवगुरु बृहस्पति को संबोधित करता है और पीतल पर देवगुरु बृहस्पति का पूरी तरह आधिपत्य होता है।

 

वैवाहिक कार्य में वेदी पढ़ने हेतु व कन्यादान के समय पीतल का कलश प्रयोग किया जाता है। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के लिए भी पीतल के कलश का बखूबी इस्तेमाल किया जाता हैं।

सेहत की दृष्टि से पीतल के बर्तनों में बना भोजन स्वादिष्ट होने के साथ ही बहुत संतुष्टी भी देता है। इससे बीमारियां तो दूर होती है साथ ही ये शरीर को भरपूर ऊर्जी भी देता है।

पुराने समय में लोग स्टील के बर्तनों की बजाय पीतल के बर्तनों का ही बखूबी उपयोग करते थे। हिंदू धर्म में तांबे व पीतल को बहुत ही शुभ धातु माना गया है, पीतल न सिर्फ सेहत के लिए, बल्कि हर लिहाज़ से शुभ और बहुत अच्छा माना जाता है।