कोरोना से ठीक हो चुके लोगो को अब हो रहा ये , अस्पताल में भर्ती

डॉक्टर निमीष देसाई ने बताया कि उनके यहां रोजाना औसतन 600 से 700 मरीजों को ओपीडी में देखा जा रहा है। इनमें से करीब 50 रोगी ऐसे आ रहे हैं जो कोरोना संक्रमित थे और अब वह मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं।

वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ. राजकुमार श्रीनिवास ने बताया कि उनके पास करीब 50-60 प्रतिशत ऐसे मामले आ रहे हैं जहां लोग अकेलापन, घबराहट, नींद न आना आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं।

डॉ. राजकुमार श्रीनिवास ने बताया कि अध्ययन में बात सामने आई है कि कुछ मामलों में कोरोना ने व्यक्ति के दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर डाला है। यह वायरस मस्तिष्क को भी प्रभावित कर रहा है।

 कोरोना और ब्लैक फंगस का खतरा अभी टला नहीं था कि अब एक नई समस्या डॉक्टरों के सामने आ खड़ी हुई है। दरअसल कोरोना से ठीक हुए मरीज अब मनोरोग के शिकार हो रहे हैं। कई मरीजों की हालत तो इतनी खराब हो गई है कि उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना मरीजों के मस्तिष्क को प्रभावित कर रहा है और इसी कारण वे लोग मनोरोग की चपेट में आ रहे हैं। दिल्ली के मानव व्यवहार व संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के निदेशक डॉक्टर निमीष देसाई के मुताबिक कोरोना मरीजों का मनोरोगी होना एक बड़ी समस्या बन रही है।