मायावती ने निकाय चुनाव को लेकर किया ये काम , जानकर लोग हुए हैरान

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मेयर की 17 सीटों में 10 के लिए सोमवार को अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें से छह मुस्लिम उम्मीदवार उतारे गए हैं। इससे साफ है कि बसपा मुस्लिमों को टिकट देकर लोकसभा चुनाव से पहले संदेश देना चाहती है।

यूपी में मेयर की 17 सीटें हैं। पहले चरण के लिए सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन था। पहले चरण में मेयर की नौ सीटों सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा-वृंदावन, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी के लिए चुनाव होना है। मायावती ने आगरा से लता, मथुरा-वृंदावन राजा मोहतासिम अहमद, फिरोजाबाद रुखसाना बेगम, झांसी भगवान दास फुले, सहारनपुर खादिजा मसूद, लखनऊ शाहीन बानो, वाराणसी सुभाष चंद्र माझी, प्रयागराज सईद अहमद, मुरादाबाद मोहम्मद यामीन और गोरखपुर से नवल किशोर नाथानी को उम्मीदवार बनाया है।

सहारनपुर की उम्मीदवार खादीजा इमरान मसूद की भाभी हैं। लखनऊ की शाहीन बानो पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके सरवर अली की पत्नी हैं। गोरखपुर के नवल किशोर नथानी हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़ कर बसपा में शामिल हुए हैं। वह सपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन वहां से निराशा मिली।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मेयर के लिए घोषित 10 में छह मुस्लिम और तीन दलित उम्मीदवार उतार कर भविष्य की राजनीतिक रणनीति काफी हद तक साफ कर दी है। यह भी साफ कर दिया है कि उन्हें दलितों के साथ मुस्लिमों पर भरोसा है। एक साथ लाने में जुटी बसपा पिछले विधानसभा और उससे पहले लोकसभा चुनाव में अपने लगातार घटते जनाधार को लेकर काफी परेशान रही है। यही वजह है कि नगर निकाय चुनाव में पार्टी अपनी रणनीति बदलती दिख रही है। पार्टी एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग की तर्ज पर दलितों और मुसलमानों को एकसाथ लाने में जुटी है।

फिरोजाबाद से तीन बार के पार्षद महबूब अजीज की पत्नी रुखसाना बेगम को मेयर प्रत्याशी बनाया है। प्रयागराज से पहले अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को टिकट देने की तैयारी थी, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद उनके स्थान पर सईद अहमद को टिकट दिया गया है। वह विधायकी का चुनाव भी लड़ चुके हैं।