शराब की दुकान खोलने वाले हुए परेशान, वजह जानकर लोग हुए हैरान

शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एस। पी। सिंह व महासचिव कन्हैया लाल मौर्य आबकारी आयुक्त से मिले व उन्हें कारोबार की दिक्कतें बताईं।

 

इससे पूर्व लखनऊ के कुछ मॉडल शॉप व अंग्रेजी-देसी शराब विक्रेताओं का प्रतिनिधिमंडल ने आबकारी अफसरों के साथ मीटिंग की।

अफसरों ने उन्हें लाइसेंस आत्म समर्पण नहीं करने के लिए समझाया-बुझाया। कोरोना संकट की वजह से बिक्री बहुत ज्यादा घटने व तय हो चुका कोटा हर हाल में उठाने की बाध्यता के कारण लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में इन फुटकर विक्रेताओं ने लाइसेंस सरेण्डर करने का मन बनाया है।

गोरखपुर व आसपास के जिलों में शराब की दुकानों से बिक्री घटकर सिर्फ 30 से 35 प्रतिशत ही रह गई है। वाराणसी व आसपास के जिलों में भी शराब और बीयर की बिक्री में 30 से 50 प्रतिशत तक गिरावट आ गई है।

गाजीपुर में कुछ लाइसेंसियों ने लाइसेंस फीस घटाने व कोटा कम करने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया है। कानपुर व आसपास के जिलों में भी देसी शराब की बिक्री 60 प्रतिशत व अंग्रेजी शराब तथा बीयर की बिक्री 50 प्रतिशत कम हो गई है।

यूपी के शराब (Wine) व बीयर(Beer) के लाइसेंसियों को मौजूदा आबकारी नीति में कुछ राहत मिल सकती है। इन विक्रेताओं को निर्धारित किया गया कोटा उठाने की बाध्यता में कुछ ढील मिलने की उम्मीद है।

प्रदेश के आबकारी आयुक्त पी। गुरू प्रसाद (Excise Commissioner P. Guru Prasad) ने इन फुटकर विक्रेताओं की मौजूदा समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का भरोसा दिया है।

दरअसल लगभग दो महीने से लाकडाउन जारी रहने से शराब की ब्रिकी में बेहद कमी आई है। इससे परेशान फुटकर शराब विक्रेताओं ने लाइसेंस आत्म समर्पण का मन बना लिया है।