ब्राजील में चुनाव से पहले सड़कों पर उतरे लोग, लगाए ये नारे

बोल्सोनारो के खिलाफ नारे लगाए गएरियो शहर में रविवार को बीच पर सैकड़ों लोग एकत्रित हुए. इन्होंने हाथों में ब्राजील का झंडा पकड़ा हुआ था और सफेद रंग की टी-शर्ट पहन रखी थीं.

सभी ने एक सुर में बोल्सोनारो के खिलाफ नारे लगाए. सैकड़ों सफेद टी-शर्ट पहने प्रदर्शनकारी साओ पौलो में एक रैली के लिए एकत्रित हुए (Protests Against Jair Bolsonaro).

प्रदर्शनकारियों में शामिल 64 साल के सिविल इंजीनियर इवेट रामाल्हो ने कहा, ‘हम यहां लूला या बोल्सोनारो के पक्ष में नहीं आए हैं. लेकिन मुझे इस बात का डर है कि राष्ट्रपति (बोल्सोनारो) का समर्थन करने के लिए कितने लोग सामने आएंगे, जिन्होंने देश के लिए कुछ नहीं किया, जो केवल मुसीबत लेकर आए हैं.’

ब्राजील में साल 2022 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. एमबीएल नाम के संगठन ने विरोध प्रदर्शन के दौरान नारा लगवाया, ‘ना बोल्सोनारो और ना ही लूला’. विरोध प्रदर्शन में कहा गया कि वर्तमान राष्ट्रपति बोल्सोनारो और पूर्व वामपंथी राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला डी सिल्वा (Luis Inacio Lula da Silva) दोनों को ही वोट नहीं देना है.

संगठनों को आम जनता का काफी समर्थन मिल रहा है. लेकिन अपने जैसे बाकी संगठनों का सहयोग नहीं मिलने के कारण ये बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन नहीं कर पा रहे.

ब्राजील में राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लोगों की मांग है कि राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाया जाए. विरोध प्रदर्शन का आयोजन फ्री ब्राजील मूवमेंट या एमबीएल (Movimento Brasil Livre) जैसे रूढ़िवादी समूह कर रहे हैं.

जिसने साल 2016 में वामपंथी राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ (Dilma Rousseff) के महाभियोग के लिए दबाव डाला था. यहां रियो डि जेनेरो, साओ पौलो और बेलो हॉरिजॉन्टे सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं.