असम में नागरिकता बिल के विरोध में लोगों ने हिंसक होकर प्रदर्शन

असम में नागरिकता बिल के विरोध में लोगों ने हिंसक होकर प्रदर्शन किया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। राजधानी में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया, कुछ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लाठीचार्ज भी किया गया।

दरअसल प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के पुतले जलाए। वहीं सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में जोरहाट, गोलाघाट और नगांव में पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई।

सूत्रों की मानें तो इस प्रदर्शन के दौरान कम से कम 6 लोग जख्मी हो गए। कई जगहों पर हुई हिंसक झड़प में अब तक 20 लोग जख्मी हो चुके हैं, वहीं एक नवजात की मौत होने की भी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि नवजात को अस्पताल ले जाया जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई।

इधर, गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्तियों के साथ कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इस बीच, हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद गुवाहाटी सहित कई स्थानों पर सुरक्षा तैनाती बढ़ गई है।

बता दें कि छात्र संगठनों की तरफ से नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ संयुक्त रूप से 11 घंटे का बंद बुलाया गया था। कई अन्य संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी इसे अपना समर्थन दिया था। इस बंद के आह्वान के मद्देनजर असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, इसके बावजूद कई जगह विरोध प्रदर्शन में झड़प देखने को मिली।

पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों को डर है कि इन लोगों के प्रवेश से उनकी पहचान और आजीविका खतरे में पड़ सकती है। दरअसल नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।