सऊदी अरब से पंगा लेना पाकिस्तान को पड़ा भारी, ख़राब हुई हालत…जुटे हए…

तेल के बादशाह सऊदी अरब को पटखनी देने के लिए अमेरिका और रूस भी लगातार जुटे हए है। तेल की कीमतों में गिरावट के बाद इसी साल मार्च से रुस और सऊदी के बीच तेल कीमतों को लेकर तनातनी शुरू हुई। सऊदी अरब चाहता है कि रुस तेल का उत्पादन कम करें, लेकिन रुस उल्टा इसे बढ़ाने पर लगा है।

चेक डिप्लोमेसी का मतलब है कोई राष्ट्र अपना वैदेशिक कूटनीति करके दुसरे देशों को आर्थिक सहायता करता है। उसके बदले उस देश की आर्थिक नीति तथा राजनीति में आपने स्वार्थ के लिए बदलाव लाता है।

सऊदी के चेक डिप्लोमेसी खत्म करने के फैसले से पाकिस्तान को सबसे तगड़ा झटका लगेगा क्योंकि पाकिस्तान को सऊदी अरब ने 6.2 अरब डॉलर का लोन दे रखा है। जिसमें से पाकिस्तान ने केवल 1 अरब डॉलर ही लौटाया है। अभी भी पाकिस्तान को 5.2 अरब डॉलर लौटाने हैं।

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। इसी महामारी के चलते कच्चे तेल के दाम में एतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। जिसके चलते कच्चे तेल का किंग कहलाने वाले देश सऊदी की आर्थिक हालत भी पस्त हो गई है।

अपनी आर्थिक हालत को बचाने के लिए सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने बड़ा फैसला लेते हुए चेक डिप्लोमेसी खत्म करने का फैसला किया। सलमान के इस फैसले से मुस्लिम देशों खासकर पाकिस्तान की हालत और खराब होगी।