शी जिनपिंग से पंगा लेना अरबपति बिजनेस जैक मा को पड़ा भारी, दो महीनो से नही कोई खबर

जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप ने चीन में एक मोबाइल पेमेंट सिस्टम अलीपे बनाया है। कंपनी ने भारत के पेटीएम में भी निवेश किया है। सामाचर एजेंसी राॅटर्स की खबर के मुताबिक इस तरह की खबरों के बाद अलीबाबा के शेयरों में हांगकांग में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

 

चीन में अमीरों के गायब होने की ये कोई पहली घटना नहीं है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार 2016 से 2017 के बीच चीन के कई अरबपति गायब हो गए। रिपोर्ट की माने तो 2016-17 के बीच गायब हुए लोग फिर कभी सामने नहीं नजर आए। इनके गायब होने के पीछे व्यापार प्रतिस्पर्धियों, पत्नियों का हाथ होने का अंदेशा जताया गया।

वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कम्युनिस्ट सरकार ने जैक मा को देश नहीं छोड़ने की सलाह दी है। गौरतलब है कि अलीबाबा के संस्थापक जैक मा ने चीन के वित्तीय नियमकों और सरकारी बैंकों की खुलकर आलोचना की थी।

उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को बुजुर्गों का क्लब करार दिया था। जिसके बाद से लगातार उनकी कंपनियों को कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा था। नवंबर 2020 में चीनी अधिकारियों ने जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप के 37 अरब डाॅलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया।

आम इंसान हो या फिर कोई भी बहुत बड़ा उद्दोगपति समय के सामने किसी का बस नहीं चलता। ये बातें चीन के अरबपति बिजनेस कारोबारी जैक मा पर बखूबी लागू होती है। अरबपति उद्योगपति और अलीबाबा के संस्थापक जैक मा बीते दो महीने से लापता हैं।

शी जिनपिंग के खिलाफ विवाद बढ़ने के बाद से ही जैक मा किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखें। जिसके बाद से ही उनको लेकर अटकलों का बाजार गर्म था और तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे।

इन सब के बीच चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली के हवाले से जैक मा को लेकर एक बड़ा संकेत दिया गया है। पीपुल्स डेली अखबार की माने तो जैक मा को अक अज्ञात स्थान पर निगरानी में रखा गया है।