लॉकडाउन में महिलाओं के साथ पाकिस्तानी मर्द कर रहे ये काम, हालत हुई ख़राब

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग से जुड़े सस्टेनेबल सोशल डेवलप्मेंट आर्गेनाइजेशन-एसएसडीओ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि महामारी के चलते लागू लॉकडाउन में महिलाओं-बच्चों की हालत सबसे बुरी है.

 

 

महिलाओं और बच्चों से रेप के मामलों में 200% से भी ज्यादा की वृद्धि हुई है जो इतिहास में किसी युद्धकाल के आलावा सबसे ज्यादा है.

इस्लामाबाद स्थित गैर सरकारी संगठन ने कहा कि इसी तरह से बाल उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, अपहरण और बलात्कार के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई.

इन पाकिस्तान’ के लिए आंकड़े अंग्रेजी भाषा के तीन समाचार पत्रों…द न्यूज, द डान और द नेशन तथा तीन उर्दू समाचार पत्रों..जंग, दुनिया और एक्सप्रेस से एकत्रित किये हैं.

अपराधों को आठ श्रेणियों में विभाजित किया गया..बाल विवाह, बाल उत्पीड़न, बाल श्रम, घरेलू उत्पीड़न, अपरहण, बलात्कार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और हत्या.

एक तरफ पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण के चलते भुखमरी और गरीबी अपने चरम पर है वहीं बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी तेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है.

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (PHRC) की रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉकडाउन लागू होने का फायदा उठाकर पाकिस्तानी मर्द औरतों और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. रेप , किडनैपिंग, घरेलू हिंसा और अप्राकृतिक यौनाचार जैसे मामलों में 200% से भी ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है.