कोरोना की चपेट में आए पाकिस्तान ने भारत से मांगी मदद, कहा करे हमारी…

पाकिस्‍तान में कोरोना की वजह से करीब 6000 लोग संक्रमित हैं और 100 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है। क्‍लोरोक्‍वीन और नई दवा हाइड्रोक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने सबसे पहले जिक्र किया था।

 

वहीं इस दवाई के गंभीर साइड इफेक्‍ट्स भी हैं। पाक ने इससे पहले हाइड्रोक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन के निर्यात पर बैन लगा दिया था। पाक ने भी इसके निर्यात पर तभी रोक लगाया जब यह कहा गया कि यह दवा कोरोना के लक्षणों का इलाज करने में सक्षम है।

पाक में अभी तक इस बात को लेकर कनफ्यूजन बना हुआ है कि सरकार के किस विभाग की तरफ से दवा को बैन किया गया है।

पाक के अखबार डॉन के मुताबिक दवा के निर्यात पर कॉमर्स मिनिस्‍ट्री की तरफ से बैन लगाया गया है या फिर नेशनल हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री ने इसे बैन किया है.

किसी को नहीं मालूम। न ही अभी तक यह जानकारी है कि किसके पास इसके निर्यात को बैन करने का अधिकार है। 10 अप्रैल को पाक ने इसके निर्यात को बैन किया था।

भारत हाइड्रोक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन का सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है। दुनिया को सप्लाई होने वाली इस दवा का 70 प्रतिशत उत्‍पादन भारत में ही होता है।

विशेषज्ञों की मानें तो देश के पास इतनी क्षमता है कि तेजी से इसका उत्‍पादन बढ़ाया जा सके। अमेरिका के अलावा ब्राजील ने भी इस दवा की मांग भारत से की थी। भारत ने ट्रंप की तरफ से किए गए अनुरोध के बाद हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात से बैन हटा दिया।

पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। इस महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने भारत से मदद मांगी है।

पाक सरकार ने भारत से उसी मलेरिया की दवा, हाइड्रोक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन की मांग की है जिसकी जरूरत अमेरिका और ब्राजील को थी।

सूत्रों की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। हाइड्रोक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन को कोविड-19 के इलाज में कारगर माना जा रहा है। आपको बता दें कि जब इस दवा की पहली खेप अमेरिका पहुंची थी तो उस समय पाक को लेकर के तरह के मीम भी बने थे।