भारत की जनता के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाले पाक ने अपने देश के गैर-मुस्लिम वकीलों के साथ किया नाइंसाफी

ऐसे तो पाकिस्तान भारत की गलतियां निकलते थकता नहीं हैं, लेकिन जहां अपनी बारी आती है तो माहौल शांत हो जाता है। पाकिस्तान भारत में रह रहे लोगों के लिए इंसाफ की बातें करता है और अपने देश में खुद नाइंसाफी करता है। इसी को लेकर एक खबर आ रही है जब पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकार कम करने का एक और मामला सामने आया है। यहां के मुल्तान बार एसोसिएशन ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें अहमदी समेत सभी गैर-मुस्लिम वकीलों को बार काउंसिल के चुनाव में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है।

पाकिस्तान मीडिया के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया है कि यह प्रस्ताव जिला बार एसोसिएशन ऑफ मुल्तान के वकीलों द्वारा पेश किया गया है, जिसमें कहा गया कि बार चुनाव लड़ने वाले वकीलों को इस्लाम में अपनी आस्था साबित करने के लिए एक हलफनामा पेश करना होगा।

वैसे तो, इसका विरोध पाकिस्तान में ही शुरू हो गया है। वहां के लोग सोशल मीडिया पर इस कदम की आलोचना कर रहे हैं। पाकिस्तान के लोग बार एसोसिएशन की भेदभाव वाली मानसिकता के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब लिख रहे हैं।

अल्पसंख्यकों पर इस तरह भेदभाव की वजह से अंतरराष्ट्रीय ष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की निंदा होती रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी आए दिन खबरें आती हैं कि पाकिस्तान धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रहा है।

अब तो अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के तौर पर उनके साथ हिंसा करना, सामूहिक हत्या, अपहरण और दुष्कर्म जैसे काम पाकिस्तान में आम होते जा रहे हैं लेकिन पाकिस्तान सरकार अपने बचाव में लगातार इसे खारिज करती रहती है।