पाकिस्‍तान सरकार के खिलाफ बलूचिस्‍तान के लोगों का फूटा गुस्‍सा , कर रहे अलग देश की मांग

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आजाद बलूच आंदोलन चल रहा है। इनकी मांग है कि बलूचिस्तान अलग देश बनाया जाए। बलूचिस्तान में चीन ने दूरसंचार कंपनियों का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान इसके सहयोग से बलूचों की जासूसी भी कर रहा है।

इसके साथ ही ग्वादर बंदरगाह पर चीन का पूरी तरह अधिकार होने से भी बलूचों में आक्रोश है। इधर बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद और वायस आफ बलूच मिसिंग पर्सन के चेयरमैन नसरुल्लाह बलूच ने एक अलग बयान में अगवा मजदूरों को मानवीय आधार पर छोड़ने की मांग की है।

बलूच नेशनल पार्टी के अध्‍यक्ष अख्‍तर मिंगल यह बात कई बार कह चुके हैं कि बलूचिस्‍तान 1947 से पहले तक आजाद था। इस पर पाकिस्‍तान ने अवैध कब्‍जा जमाया हुआ है और बलूच लोग लगातान अपनी आजादी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

बलूचों के खात्‍मे के लिए पाकिस्‍तान की सरकार ने कई बार सेना के जरिए कई ऑपरेशन चलाए जिनमें सैकड़ों बेगुनाहों का खून बहाया गया। सैकड़ों को जेलों में ठूंस दिया गया, जिनका आज तक कुछ पता नहीं चल सका है।

पाकिस्‍तान सरकार के खिलाफ बलूचिस्‍तान के लोगों का गुस्‍सा लगातार सातवें आसमान पर है। पाक सरकार और सेना के जुल्मों व चीन की दखलअंदाजी से तंग बलूचिस्तान के लोगों में अलग देश की मांग जोर पकड़ रही है।

आजादी के लिए सक्रिय बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया है कि उसने चीन की दूरसंचार कंपनी को आग के हवाले कर दिया और उसमें काम करने वाले छह मजदूरों का अपहरण कर लिया।

बीएलए का कहना है कि इन मजदूरों की रिहाई संयुक्त राष्ट्र या रेड क्रास की गारंटी पर ही की जाएगी। इन मजदूरों का अपहरण मारगोट चोखोबी बाध क्षेत्र से किया गया।