एक ऐसी घटना, जब प्राथमिक स्कूल के गुरूजी एक माह से पांच छात्राओं के साथ कर रहे थे ये काम तो अचानक

आरोन थाना क्षेत्र के चौपना गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाला शिक्षक पिछले एक माह से स्कूल की पांच छात्राओं का यौन शोषण कर रहा था। छात्राओं ने शिक्षक के डर से स्कूल जाना भी छोड़ दिया था। छात्राएं गुमसुम रहने लगी थीं। छात्राओं के माता-पिता ने जब उनसे स्कूल न जाने का कारण पूछा तो वे रो पड़ीं और पूरी बात बता दी। छात्राओं के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने रविवार को शिक्षक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। फिलहाल शिक्षक पुलिस की पकड़ से दूर है।

आरोन टीआई प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि पांच बच्चियों में एक कक्षा 5वीं की छात्रा है, जो 11 वर्ष की है। शेष चार बच्चियां कक्षा 4 की छात्राएं हैं। इनकी उम्र 10 वर्ष हैं। बच्चियों ने 6 मार्च से स्कूल जाना छोड़ दिया था।

पीड़ित बालिकाओं में कक्षा 5वीं की छात्रा से जब माता-पिता ने स्कूल न जाने का कारण पूछा, तब उसने अपने माता-पिता को शिक्षक की हरकतों की जानकारी दी। इसके बाद इस बच्ची के माता-पिता ने अन्य छात्राओं से बात की, तो सभी ने शिक्षक द्वारा लंच टाइम में गलत हरकतें करने की बात कही।

इसके बाद शनिवार देर शाम बच्चियों के माता-पिता ने आरोपी शिक्षक (सहायक अध्यापक) रम्मू उर्फ रामनारायण भार्गव निवासी खिरियादांगी हाल आरोन के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया। इस आवेदन पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ धारा 376, बालकों के संरक्षण के लिए बनाए गए पास्को एक्ट, जेजे एक्ट सहित एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। इधर, निर्भया टीम ने मामले की गंभीरता को देखकर बच्चियों के बयान भी लिए हैं।

डीईओ बोले- आरोपी शिक्षक को करेंगे सस्पेंड

जिला शिक्षा अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो गई है, तो एफआईआर की कॉपी मिलते ही शिक्षक को सस्पेंड कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में बमोरी क्षेत्र में भी दो शिक्षक एक युवती से दुष्कर्म के आरोपी के रूप में सामने आए, जिन्हें भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

आरोपी शिक्षक की पत्नी भी शिक्षक, दो बड़े बच्चे भी

बताया जाता है कि आरोपी शिक्षक की पत्नी भी शिक्षक हैं। इसके अलावा उनके दो बेटे हैं, जिनमें बड़ा बेटा बीएससी कर रहा है, तो छोटा बेटा नौंवी कक्षा का छात्र है। इधर, उक्त मामला सामने आने के बाद परिचितों को यकीन नहीं हो रहा कि शिक्षक द्वारा ऐसा कदम उठाया गया है।

शोषण के लक्षण जानें और करें बच्चे से बात

– छोटे बच्चों का शारीरिक या मानसिक शोषण होता है, तो उसके के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दें।

– बच्चा शोषण करने वाले व्यक्ति से घबराए या डरने लगे।

– 5 वर्ष तक के बच्चे उदास रहने लगें और पढ़ाई में मन न लगे।

– शोषण करने वाले व्यक्ति को देखकर सहम जाएं।

– इन लक्षणों से बच्चे के शोषण की पहचान की जा सकती है। माता-पिता या शिक्षक बच्चे से प्यार से बात कर भी शोषण करने वाले व्यक्ति की जानकारी ले सकते हैं।

(जिला बाल संरक्षण अधिकारी आरबी गोयल के अनुसार)

…तब शिक्षकों ने की थी काउंसलिंग

कुछ माह पूर्व शहर के कर्नलगंज स्कूल में एक बच्ची के उदास रहने पर शिक्षकों ने जब बच्ची की काउंसलिंग करते हुए पूछा, तो बच्ची ने अपने घर में रहने वाले किराएदार युवक द्वारा शोषण की बात शिक्षकों को बताई थी। इसके बाद शिक्षकों ने मामले में चाइल्ड हेल्प की मदद ली थी। साथ ही आरोपी युवक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था। लेकिन आरोन के स्कूल में तो शिक्षक खुद ही पांच बच्चियों के शोषण का आरोपी है, जो बच्चियों के माता-पिता की काउंसलिंग में सामने आया।