एक बार फिर मंडरा रहा तूफान का खतरा , पीएम मोदी ने शुरू की ये तैयारी

पश्चिम बंगाल के साथ – साथ इस तूफान का असर ओड़िशा सहित कई तटीय इलाकों में होगा. चक्रवाती तूफान ‘यास’ के खतरे से निपटने के लिए चार युद्धपोतों के साथ – साथ कई विमानों को भी तैनात किया गया है.

जो तूफान पर नजर रखेंगे और बचाव अभियान या सुरक्षा के लिहाज से कदम उठायेंगे. ताउते तूफान चक्रवात के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, कर्नाटक और गोवा में भारी तबाही हुई थी.

तूफान के खतरे को देखते हुए बाढ़ राहत और बचाव के लिए आठ टीमों को तैयार किया गया है. गोताखोरों की चार टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल भी भेजा गया है. ईस्टर्न सीबोर्ड में तटरक्षक स्टेशन, जहाज और विमान हाई को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है.

केंद्र के साथ- साथ राज्य सरकारों ने भी यास तूफान से निपटने की तैयारी की है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालात से निपटने की पूरी तैयारी की है. वह खुद नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहेंगी.

26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में तूफान का किन राज्यों में ज्यादा खतरा है, कितनी तैयारी है तूफान से निपटने की इस पर चर्चा करेंगे.

देश के कई तटीय इलाकों में एक बार फिर तूफान का खतरा मंडरा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे यास तूफान से निपटने की तैयारियों को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.