एकबार फिर अरबों रुपये का महाघोटाला सामने आया है। यहां के ग्रांड वेनिस मॉल के प्रमोटर सतिंदर सिंह भसीन ने अपने पिता जेएस भसीन व पत्नी क्विंसी भसीन के साथ मिलकर सरकार, बैंकों व हजारों प्रॉपर्टी खरीदारों को 1,296.14 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। यह खुलासा गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने किया है। पुलिस ने सतिंदर सिंह भसीन के विरूद्ध जिला कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में यह खुलासा किया है। चार्जशीट की कॉपी जी मीडिया के पास उपलब्ध है।
पुलिस ने न्यायालय को बताया है कि सतिंदर सिंह भसीन, जेएस भसीन व क्विंसी भसीन ने मिलकर 30 मुखौटा कंपनियां बनाईं। यूपी औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीसी) के अधिकारियों से मिलीभगत करके ग्रेटर नोएडा की साइट-4 में पार्क की धरती अपनी कंपनियों के नाम आवंटित करवाई। फर्जी तरीका से जमीन का लैंड यूज कमर्शियल किया गया।
बाद में इसी तरह फर्जीवाड़ा करके एफएआर बदला गया, बिजली के कनेक्शन दिलाए गए व बैंकों के लिए मोरगेज परमिशन दी गईं। पुलिस ने जाँच में पाया कि इस भूखंड पर सतिंदर भसीन को न तो निर्माण करने व न ही प्रोपर्टी बेचने का अधिकार था। सबकुछ जाली दस्तावेजों के जरिए किया गया है।
चार्जशीट के मुताबिक सतिंदर सिंह भसीन ने 700 करोड़ रुपये की ठगी प्रोपर्टी खरीदारों से की। बैंकों को 238 करोड़ रुपये का चूना लगाया व यूपी सरकार को 258.14 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। इस तरह एक परिवार के तीन लोगों ने मिलकर सरकार, बैंकों व हजारों प्रोपर्टी खरीदारों को 1,296.14 करोड़ रुपये (13 अरब) का चूना लगाया है।
पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की है। गौतमबुद्ध नगर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय इस मुद्दे में 17 सितंबर को सुनवाई करेंगे। चार्जशीट में आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 504, 506 व 120-बी के तहत मुकदमा चलाने का निवेदन किया गया है।
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गौरतलब है कि सतिंदर भसीन के विरूद्ध केवल ग्रेटर नोएडा में 85 मुकदमे दर्ज हैं। सतिंदर भसीन की 19 जमानत याचिकाएं अपर जिला न्यायाधीश षष्टम पवन प्रताप सिंह की न्यायालय ने खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने माना है कि आरोपी के विरूद्ध जालसाजी, धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, मनी लॉन्ड्रिंग व ब्लैक मनी अर्जित करने के पर्याप्त साक्ष्य अभियोजन के पास उपलब्ध हैं।
दूसरी ओर सत्येंद्र भसीन की पत्नी क्विंसी भसीन व पिता जेएस भसीन ने अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए अपर जिला न्यायाधीश प्रथम विनोद रावत की न्यायालय में 8 याचिकाएं दायर की थीं। अपर जिला न्यायाधीश प्रथम विनोद रावत ने सभी आठों अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। अब सतिंदर भसीन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर करके जमानत की अपील की है