एक बार फिर चीन पर फूटा अमेरिका का गुस्सा, कहा करना चाहिए…

एक संपादकीय में लिखा कि अमेरिका को यह सुनिश्चित करना होगा कि ‘हमारे पास सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधी उद्योगों के लिए अमेरिका के अनुकूल आपूर्ति श्रृंखला हो, न कि इसके लिए हम किसी दबंग प्रतिद्वंद्वी देश पर निर्भर हों।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी हमेशा से इस बात को समझते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा आर्थिक सुरक्षा का आधार है।

 

उन्होंने कहा, ‘जब हम कोरोना वायरस संकट से अधिक मजबूत और सुरक्षित बनकर उबरने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसे में हमें हमारे लोगों को चीनी साम्यवाद के कपट और आक्रामक व्यवहार से बचाने के लिए साहसी एवं रचनात्मक कदम उठाने चाहिए।’

हेली ने कहा कि अमेरिका को वही तरीका अपनाना चाहिए जो उसने शीत युद्ध के दौरान अपनाया था, जब उसने सोवियत सेना के तकनीकी विकास पर लगाम लगाने के लिए नई नीतियां बनाई थीं.

जिनमें आयात पर नियंत्रण और व्यापार को बढ़ावा देना शामिल था। उन्होंने कहा, ‘अब साम्यवादी चीन के मामले में भी इसी प्रकार का दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

कोरोना वायरस महामारी ने यह दिखा दिया है कि हम कुछ दवाओं से लेकर अत्यावश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों तक अहम चिकित्सकीय आपूर्ति के लिए उस देश पर कितने निर्भर है। यह संकट कोरोना वायरस की तरह ही खतरनाक है और इससे निपटना हमारी शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए।

‘संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत हेली ने कहा, ‘बीजिंग ने मुक्त बाजार का दुरुपयोग करके उसे समाप्त किया, ऐसे में अमेरिका को राष्ट्रीय सुरक्षा एवं स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मुक्त बाजार को नियंत्रित करके इसे मजबूत करना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने आर्थिक खुलेपन का चीन को गलत फायदा उठाने से रोकने के लिए कड़ा प्रतिबंध लगाना चाहिए और उसे उसके दमनकारी कदमों का दंड देना चाहिए।

भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने कहा है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने अमेरिका की चीन पर निर्भरता को समाप्त करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।