एक महिला प्रदर्शनकारी के मुताबिक, ‘हम यहां तालिबान के सरकार की घोषणा का विरोध करने के लिए जुटे थे, जिसमें किसी महिला को जगह नहीं दी गई है।’
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शनकारियों पर कोड़े बरसाए गए और हमें घर जाने को कहा गया। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन को कवर करने पहुंचे कई पत्रकारों को तालिबान ने हिरासत में ले लिया है।
सोशल मीडिया पर भी कुछ वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिसमें साफतौर पर एक महिला को सरेराह कोड़े मारे जा रहे हैं। बता दें कि इससे पहले भी एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें तालिबानी लड़ाका एक महिला पर बंदूक ताने भरी सड़क पर खरा दिख रहा था।
सत्ता में आते ही तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदियों की बरसात कर दी है। बीते दिनों ही तालिबान ने अफगान में महिलाओं के किसी भी तरह के खेल खेलने पर भी पाबंदी लगा दी है। तालिबान का कहना है कि खेलों से महिलाओं के शरीर की नुमाइश होगी।
सीएनएन की खबर के मुताबिक, हिजाब पहनी महिला एक्टिविस्ट्स मंगलवार को काबुल में अपने अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन के लिए जुटी थीं। तालिबान के कब्जे के बाद बीते एक महीने में यह पहला बड़ा विरोध प्रदर्शन था। इस दौरान कुछ महिलाएं भी राजधानी काबुल की सड़कों पर समान अधिकारों के लिए नारे लगाती दिखीं।
तालिबानी राज आने के बाद देश में महिलाओं के पास नाम के अधिकार भी नहीं बचे हैं। महिलाओं पर बर्बरता और जुल्म के लिए बदनाम तालिबान एक बार फिर उजागर हो गया है।
इस बार सरेराह महिलाओं पर कोड़े बरसाने के लिए। वे महिलाएं जो तालिबान की नई सरकार के खिलाफ अफगान की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। इतना ही नहीं, तालिबानियों ने इस प्रदर्शन को कवर कर रहे कई पत्रकारों को भी पीटा।