प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद का ज़िक्र करते हुए कहा कि वे कहते थे ‘एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है, और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है।’
किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है। गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है-‘योगः कर्मसु कौशलम्’अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है।
उन्होंने कहा कि एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे. हम प्रयास करेंगे कि ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’ को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। हम ज़रूर सफल होंगे, हम ज़रूर विजयी होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग हमारी प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाने में मदद कर सकता है। कोरोना वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है । हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वो है प्राणायाम।