अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम मोदी ने दिया ये बड़ा सन्देश, कहा करे…

मोदी ने कहा कि सामान्य तौर पर अनुलोम विलोम प्राणायाम ही ज्यादा लोकप्रिय है. ये काफी प्रभावी भी है. लेकिन प्राणायाम के अनेक प्रकार है। इसमें, शीतली, कपालभाति, भ्रामरी, भस्त्रिका, ये सब भी होते हैं.
बहुत हैं अनगिनत हैं। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे प्राणायाम को अपने दैनिक अभ्यास में जरूर शामिल करें और अनुलोम-विलोम के साथ ही दूसरी प्राणायाम की विधाओं को भी सीखे। योग की इन पद्धतियों का लाभ बड़ी संख्या में आज पूरी दुनिया में कोरोना मरीज़ भी ले रहे हैं। योग की ताकत से उन्हें इस बीमारी को हराने में मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद का ज़िक्र करते हुए कहा कि वे कहते थे ‘एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है, और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है।’

किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है। गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है-‘योगः कर्मसु कौशलम्’अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है।

उन्होंने कहा कि एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे. हम प्रयास करेंगे कि ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’ को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। हम ज़रूर सफल होंगे, हम ज़रूर विजयी होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कहा कि यह दिन एकजुटता का है। उन्होंने कहा कि जो हमे, जोड़े, साथ रखे वही योग है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई के बीच रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना के इस संकट के दौरान दुनिया भर के लोगों का माई लाइफ-माई योगा वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेना, दिखाता है कि योग के प्रति उत्साह कितना बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग हमारी प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाने में मदद कर सकता है। कोरोना वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है । हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वो है प्राणायाम।