चाँद पर जान के बाद आखिर किस हाल में है हमारा लैंडर विक्रम, इस दिन उठेगा सचाई से पर्दा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी इसरो (ISRO) का चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के लैंडर विक्रम से चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के अच्छा पहले सम्पर्क टूट गया तब से इसका कुछ पता नहीं चल पाया है, हालांकि इसे लेकर वैज्ञानिकों की उम्मीद अभी समाप्त नहीं है शुक्रवार देर रात चांद (Moon) पर उतरने से पहले विक्रम का भूमि (Earth) पर स्थित स्टेशन से सम्पर्क टूट गया था, उस वक्त लैंडर विक्रम चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था लैंडर विक्रम के साथ क्या हुआ  वो अब कहां  किस हालत में है, अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है हालांकि वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि तीन दिन के अंदर इस रहस्य से पर्दा उठ जाएगा दरअसल ऑर्बिटर पर लगे अत्याधुनिक उपकरणों के सहारे जल्द ही इन सभी सवालों के जवाब ढूंढे जा सकते हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो के वैज्ञानिक 3 दिन बाद लैंडर विक्रम को ढूंढ निकालेंगे दरअसल जहां से लैंडर विक्रम का सम्पर्क टूटा था, उस स्थान पर आर्बिटर को पहुंचने में तीन दिन का समय लगेगा वैज्ञानिकों के मुताबिक, टीम को लैंडिंग साइट की पूरी जानकारी है आखिरी समय में लैंडर विक्रम रास्ते से भटक गया था, इसलिए अब वैज्ञानिक ऑर्बिटर के तीन उपकरणों के जरिये उसे ढूंढने की प्रयास करेंगे ‘

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि आर्बिटर में SAR (सिंथेटिक अपर्चर रेडार), IR स्पेक्ट्रोमीटर  कैमरे की मदद से 10 x 10 किलोमीटर के इलाके को छाना जा सकता है वैज्ञानिकों के मुताबिक लैंडर विक्रम का पता लगाने के लिए उन्हें उस इलाके की हाई रेजॉलूशन फोटोज़ लेनी होंगीवैज्ञानिकों ने लैंडर विक्रम से सम्पर्क उस समय खोया जब वह चंद्रमा के धरातल के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड होने वाला था  धरातल से मात्र 2.1 किलोमीटर दूर था

वैज्ञानिकों ने बोला कि अगर लैंडर विक्रम ने क्रैश लैंडिंग की होगी तो वह कई टुकड़ों में टूट चुका होगा ऐसे में लैंडर विक्रम को ढूंढना  उससे सम्पर्क साधना बहुत ज्यादा कठिन भरा होगा लेकिन अगर उसके कंपोनेंट को नुकसान नहीं पहुंचा होगा तो हाई-रेजॉलूशन तस्वीरों के जरिए उसका पता लगाया जा सकेगा इससे पहले इसरो चीफ के सिवन ने भी बोला है कि अगले 14 दिनों तक लैंडर विक्रम से सम्पर्क साधने की कोशिशें जारी रहेंगी इसरो की टीम लगातार लैंडर विक्रम को ढूंढने में लगी हुई है इसरो चीफ के बाद देश को उम्मीद है कि अगले 14 दिनों में कोई खुशखबरी मिल सकती हैइसरो का चंद्रयान-2 सॉफ्ट लैडिंग नहीं कर पाया

अगले 14 दिनों तक कोशिश करते रहेंगे वैज्ञानिक

इसरो के चेयरमैन के सिवन ने दूरदर्शन को दिए अपने साक्षात्कार में बोला कि हालांकि हमारा चंद्रयान 2 के लैंडर से सम्पर्क टूट चुका है, लेकिन वो लैंडर से दोबारा सम्पर्क स्थापित करने के लिए अगले 14 दिनों तक कोशिश करते रहेंगे उन्होंने बोला कि लैंडर के पहले चरण को सफलता पूर्वक पूरा किया गया जिसमें यान की गति को कम करने में एजेंसी को सफलता मिली हालांकि अंतिम चरण में आकर लैंडर का सम्पर्क एजेंसी से टूट गया

7.5 वर्षों तक कार्य करेगा ऑर्बिटर
सिवन ने आगे बोला कि पहली बार हम चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र का डाटा प्राप्त करेंगे चंद्रमा की यह जानकारी दुनिया तक पहली बार पहुंचेगी चेयरमैन ने बोला कि चंद्रमा के चारों तरफ घूमने वाले आर्विटर के तय जीवनकाल को सात वर्ष के लिए बढ़ाया गया है यह 7.5 वर्षों तक कार्य करता रहेगा यह हमारे लिए संपूर्ण चंद्रमा के ग्लोब को कवर करने में सक्षम होगा