सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर अयोध्या में पहली बार बनेगा ये, हुआ गठन

अयोध्या मुद्दे (Ayodhya case) में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने अब तक का सबसे बड़ा निर्णय सुना दिया है उच्चतम न्यायालय ने एक ओर जहां विवादित जमीन राम लला विराजमान (Ram Lalla Virajman) को देने का   निर्णय  सुनाया है तो वहीं दूसरी ओर सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को पांच एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया है

 

इसी के साथ सीजेआई रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने मंदिर निर्माण के लिए तीन माह में एक ट्रस्ट (Trust) बनाए जाने का भी आदेश जारी किया है उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अब कयास लगाए जाने लगे हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट का गठन की तर्ज पर किया जा सकता है उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार एक सप्ताह के भीतर इस ट्रस्ट का गठन कर सकती है

बताते चलें कि में मात्र 6 मेम्बर हैं लेकिन अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या  ज्यादा हो सकती है  ट्रस्ट के सदस्यों के चयन में पीएम की अहम किरदार हो सकती है इसी के साथ ट्रस्ट में राम मंदिर से जुड़े संगठनों को भी शामिल किया जा सकता है यही नहीं अयोध्या में राम मंदिर को लेकर केस लड़ने वाले राम जन्मभूमि न्यास  निर्मोटी अखाड़े के सदस्यों को भी ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है ट्रस्ट के कार्य को तेजगति से आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र  प्रदेश सरकार से जुड़े सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है

ट्रस्ट से जुड़े कामों  राम मंदिर से जुड़ी प्रगति पर पीएम सीधे नजर रखेंगे, इसके लिए पीएम ऑफिस से जुड़ा कोई ऑफिसर भी इस ट्रस्ट का भाग होने कि सम्भावना है ये महत्वपूर्ण नहीं है कि ट्रस्ट में शामिल हर मेम्बर की जिम्मेदारी तय हो पीएम तक मंदिर निर्माण से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध कराने  ट्रस्ट के सदस्यों की हर मदद के लिए भी कई सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा

सुप्रीम न्यायालय ने 16 अक्टूबर को निर्णय सुरक्षित रखा था
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या टकराव पर लगातार 40 दिन तक सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था निर्णय पढ़ते हुए सीजेआई गोगोई ने निर्मोही अखाड़ा  शिया वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया साथ ही उन्होंने बोला कि हिंदू पक्ष ने जिरह के दौरान ऐतिहासिक साक्ष्य पेश किए उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि आस्था के आधार पर जमीन के मालिकाना हक पर निर्णय नहीं किया जाएगा