लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर…बुलाई गई…जारी किया गया…

आर्मी प्रमुख जनरल मनोज नारावणे ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अलग-अलग बिंदुओं पर जारी गतिरोध को विस्तार से सबके सामने रखा. गतिरोध को ख़त्म करने के लिए डिवीज़न कमांडर स्तर पर हुईं कई दौर की वार्ता विफ़ल रही हैं.

 

इससे पहले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य सुधारों की समीक्षा करने के लिए सीडीएस जनरल विपिन सिंह रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के के साथ मुलाक़ात की थी. इस मीटिंग में बी एलएसी के मामले पर चर्चा की गई थी.

दूसरी ओर विदेश मंत्रालय ने उन सभी ख़बरों का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा था कि विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला को भी मीटिंग में जानकारी देने के लिए कहा गया था.

विदेश मंत्रालय की ओर से एलएसी को लेकर अभी तक जो एक बयान जारी किया गया है उसमें भारतीय सैनिकों की गश्त में चीनी सैनिकों की ओर से रुकावट डालने की बात की गई थी. हालांकि चीन ने इससे इनक़ार किया था.

वहीं बीते सप्ताह तीन अलग-अलग बयानों में चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से भारतीय सैनिकों पर सीमा उल्लंघन का आरोप लगाया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति और चीन के साथ चल रहे मौजूदा गतिरोध पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की.

सूत्रों के हवाले ने लिखा है हालांकि यह बैठक शेकतकर समिति की सिफ़ारिशों को लागू किये जाने की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी लेकिन इसमें लद्दाख गतिरोध पर ही मुख्य रूप से चर्चा हुई.

इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल विपिन सिंह रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख बी शामिल रहे.