अयोध्या निर्णय पर उमा भारती ने कहा सबसे पहले करूंगी ये…

ऐतिहासिक निर्णय आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री  भाजपा नेत्री उमा भारती (Uma Bharti) का बोलना है कि वह सबसे पहले अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी (Lal Krishna Advani) के घर जाकर उनको प्रणाम करना चाहेंगी

पूर्व सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, मैं हिमालय, उत्तराखंड गंगा किनारे से अभी-अभी दिल्ली पहुंची हूं आज भाजपा के पदाधिकारियों की मीटिंग है रास्ते में ही मैंने यह फ़ैसला सुना तो मैं सबसे पहले आडवाणी जी के घर पहुंचना चाहती हूं, मैं उन्हें प्रणाम करूंगी  उन्होंने जो सीख दी है, उसपे आगे भी चलूंगी

राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहीं भाजपा नेत्री ने लगातार एक के बाद एक ट्वीट कर बोला कि आडवाणी जी ही वह भारतीय पॉलिटिक्स के पुरोधा हैं जिन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता बनाम राष्ट्रवाद (Pseudo Secularism Vs Nationalism) की बहस हिंदुस्तान के पॉलिटिक्स के पटल पर छेड़ी थी उसी बहस के मंथन में से अयोध्या आंदोलन आगे बढ़ा

मोदी सरकार में गंगा मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुकीं उमा भारती ने लिखा, ”भारत की पॉलिटिक्स में आडवाणी जी वह पहले नेता थे जिन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता की चूलें हिला कर रख दी थी उन्हीं के कारण आज बीजेपी इस मुकाम पर है लोगों ने जाति-संप्रदाय तथा वर्ग भेद से ऊपर उठकर मोदी जी का साथ दिया ”

उन्होंने लिखा कि आज-अभी कुछ मिनटों में जब मैं उनके सामने खड़ी होंगी, तो मुझे लगेगा ही नहीं कि हिमालय पीछे छूट गया है, क्योंकि वो हिमालय जैसे ही हैं – महान  शीतल भगवान उन्हें शतायु करे एवं स्वस्थ रखे

सुप्रीम न्यायालय के निर्णय की खास बातें –
-मुस्लिम अपने साक्ष्यों से यह सिद्ध नहीं कर पाए की विवादित धरती पर उनका ही एकाआधिकार था
-Ayodhya Verdict: CJI ने कहा, ‘खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले’
-मुस्लिम यह साबित करने में नाकाम रहे कि इस स्थान पर बाबरी मस्जिद बनने से पहले उनका अधिकार था
-ASI की रिपोर्ट खारिज को नहीं कर सकते ASI की रिपोर्ट में 12वीं सदी के मंदिर के सबूत मिले
-Ayodhya verdict: CJI ने कहा, ‘विवादित जमीन का बंटवारा नहीं किया जा सकता’
-ASI की रिपोर्ट से साबित होता है कि मस्जिद खाली जमीन पर नही बनाई गई थी