आंदोलन का 24वां दिन, अब किसान करने जा रहे ये काम, गुस्से में आकर…

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 24वां दिन है। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। सिंघु बॉर्डर पर एक 80 साल के किसान रूमी राम ने कहा कि बहुत मुश्किल हो रही है, लेकिन सरकार किसानों के बारे में नहीं सोच रही है।

 

किसान आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी है कि तीन नए कृषि बिलों पर जारी आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार कोई समाधान नहीं निकालेगी तो किसान इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपना रास्ता खुद बनाने के लिए मजबूर होंगे।

राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ 6 दौर की वार्ताओं से कोई समाधान नहीं निकला। अब या तो सरकार इस समस्या का कोई हल खोजे या फिर हमें ‘हल क्रांति’ करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी सोलर पैनल से फोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं। अमृत सिंह ने बताया, “सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फोन की बैटरी डाउन हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी, सरकार क्या सुविधा देगी वह हमारी मांग तो मान नहीं रही।”