एक दूसरे को मारने पर तुले इस देश के सैनिक, शुरू हुआ भीषण युद्ध

इससे पहले अजरबैजान के राष्ट्रपति ने शनिवार को कहा कि उनकी सेनाओं ने एक शहर और कई गांवों पर कब्जा कर लिया है जबकि आर्मीनियाई अधिकारियों ने कहा कि उनकी सेना ने विरोधी पक्ष को भारी नुकसान पहुंचाया है।

 

इस क्षेत्र में 27 सितंबर को दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था जो अजरबैजान के तहत आता है लेकिन इस पर स्थानीय आर्मीनियाई बलों का नियंत्रण है। यह 1994 में खत्म हुए युद्ध के बाद इस इलाके में सबसे गंभीर संघर्ष है।

अजरबैजान के रक्षा मंत्री जाकिर हासानोव ने रविवार को एक बयान में कहा, ”आर्मीनिया से अजरबैजान के क्षेत्रों पर हमले करना पूरी तरह उकसावे वाली कार्रवाई है।”

उनके प्रवक्ता वहराम पोघोस्यान ने कहा कि क्षेत्र की सेना ने गांजा में एक सैन्य हवाईअड्डे को तबाह कर दिया है, हालांकि अजरबैजान के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया।

अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया कि शहर पर हमले में एक नागरिक की मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गए। हारुतयुन्यान ने कहा कि उन्होंने अपने बलों को गांजा पर हमले रोकने का आदेश दिया है ताकि आम नागरिक हताहत नहीं हों।

हाजियेव ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि गांजा तथा अजरबैजान के अन्य इलाकों में आर्मीनिया के क्षेत्रों से हमले किये गए। आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनकी सरजमीं से अजरबैजान की दिशा में किसी तरह का हमला नहीं किया जा रहा है।

लेकिन नागोरनो-काराबाख के नेता अरायिक हारुतयुन्यान ने फेसबुक पर इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने गांजा में सैन्य ठिकानों को नेस्तानाबूद करने के लिए रॉकेट से हमलों का आदेश दिया था।

अलगाववादी क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई अब भी जारी है और इसकी चपेट में अजरबैजान का दूसरा सबसे बड़ा शहर भी आ गया है। अजरबैजान के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि आर्मीनिया के बलों ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा पर हमला किया है।

अजरबैजान के राष्ट्रपति के सहयोगी हिकमेत हाजियेव ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें क्षतिग्रस्त इमारतें देखी जा सकती हैं। उन्होंने इसे गांजा में सघन आवासीय बस्तियों पर निशाना साधकर आर्मीनिया द्वारा किये गए बड़े मिसाइल हमलों का परिणाम बताया। हालांकि वीडियो की सत्यता की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है।