दिवाली के अवसर पर सोना चाँदी लेने जा रहे है तो जरुर जान ले आज का रेट

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमती धातुओं में रही तेजी लेकिन घरेलू स्तर पर फीकी धनतेरस के बाद शनिवार को ग्राहकी नहीं रहने से दिल्ली सरार्फा मार्केट में सोना 50 रुपये उतरकर 39870 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा व इस दौरान चांदी भी 50 रुपये टूटकर 47750 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंदन व न्यूयार्क से मिली जानकारी के अनुसार सप्ताहांत पर सोना हाजिर बढ़त के साथ 1504.30 डॉलर प्रति औंस पर रहा. दिसंबर का अमेरिकी सोना वायदा 1503.70 डॉलर प्रति औंस पर रहा. इस दौरान चांदी चमककर 18 डॉलर प्रति औंस बोली गयी. विश्लेषकों का बोलना है कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने पर दिसंबर में जनमत संग्रह कराये जाने के ब्रिटेन की घोषणा के बाद से वहां की मुद्रा पर दबाव बना है जिसके कारण डॉलर में तेजी आयी है. डॉलर में रही तेजी से कीमती घातुओं में भी बढोतरी हुयी है.

धनतेरस पर देशभर में सोने की बिक्री 25 प्रतिशत घटी

महंगी धातुओं की खरीदारी के शुभ-मुहूर्त धनतेरस पर इस वर्ष देशभर में करीब 30 टन सोने की बिक्री हुई, जो कि उम्मीद से ज्यादा है.   इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) ने यह जानकारी दी. हालांकि, पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बिक्री 25 प्रतिशत कम रही है.
आईबीजेए के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बोला कि विगत सालों के दौरान धनतेरस पर हिंदुस्तान में करीब 40 टन सोने की खरीददारी होती थी, लेकिन इस वर्ष सोने का दाम ऊंचा रहने व मार्केट में तरलता की कमी के कारण लिवाली 20 टन के आसपास रहने का अंदेशा जताया गया था. इस वर्ष सोने की लिवाली पिछले वर्ष से 25 प्रतिशत निर्बल रही.

ऊंचे दाम से उत्साह ठंडा
पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सोने का भाव घरेलू मार्केट में करीब सात हजार रुपये प्रति 10 ग्राम ऊंचा है. सोना महंगा होने के कारण खरीदारी नरम रही है. मेहता ने हालांकि, बोला कि कुछ दिन पहले इतनी खरीददारी होने का भी अनुमान नहीं था, क्योंकि घरेलू सरार्फा मार्केट में ऊंचे भाव पर पीली धातु में मांग निर्बल देखी जा रही थी.

नकदी का अभाव
ऊंचे दाम के साथ उपभोक्ताओं के पास नकदी का अभाव भी उन्हें जमकर खरीददारी करने से रोक रहा है. मेहता का बोलना है कि अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में सोने का भाव इस वर्ष तेज रहने व हिंदुस्तान में महंगी धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ जाने के कारण घरेलू सरार्फा मार्केट में दाम बहुत ज्यादा उंचा हो गया है, जबकि लोगों के पास नकदी का अभाव है. इसलिए त्योहारी सीजन के शुरुआत में सोने में मांग निर्बल देखी जा रही थी. हालांकि, विगत तीन-चार दिनों में खरीददारी ने जिस प्रकार जोर पकड़ा है उससे इस धनतेरस पर सोने की लिवाली उम्मीद से अधिक रही. इस माह की आरंभ में मेहता ने बोला था कि निर्बल मांग के कारण इस वर्ष लगता है कि धनतेरस पर देशभर के सरार्फा मार्केट में बमुश्किल से 20 टन सोना बिक पाएगा.

बैंक में निवेश से मोहभंग
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का बोलना है कि पीएमसी बैंक में घोटाले उजागर होने के बाद बैंकिंग स्कीमों में निवेश के प्रति छोटे निवेशकों का विश्वास कम हुआ है, जिससे सोने व चांदी जैसी महंगी धातुओं में निवेश के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. उनका बोलना है कि यही वजह से है कि उपभोक्ताओं ने उद्योग की उम्मीद से ज्यादा सोना खरीदा है व यह बात अलग है कि पिछले वर्ष के मुकाबले खरीददारी कम रही है. उन्होंने बोला कि वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में सोना निवेश का बेहतर विकल्प बना हुआ है. एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (करेंसी एंड एनर्जी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बोला कि पिछले कुछ दिनों के दौरान भारतीय मुद्रा रुपये में डॉलर के मुकाबले मजबूती आई है, जिससे घरेलू सरार्फा मार्केट में महंगी धातु की मांग को सपोर्ट मिला है. हालांकि सोने में इस वर्ष बेहतर रिटर्न मिलने से पीली धातु में निवेश मांग बढ़ी है.

घरेलू वायदा मार्केट मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर हालांकि बीते सत्र में शुक्रवार को सोने का दिसंबर अनुबंध 77 रुपये की कमजोरी के साथ 38,275 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ लेकिन पिछले वर्ष धनतेरस के मुकाबले भाव बहुत ज्यादा उंचा है जब एमसीएक्स पर सोने की मूल्य 31,702 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. पीएम नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद सोने का आयात कम करने के मकसद से नवगठित सरकार ने जुलाई में चालू वित्त साल का पूर्ण बजट पेश करते हुए महंगी धातुओं पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया जिससे देश में सोना महंगा हो गया है.