अब इस तरह होगा अमेरिका में कोरोना का इलाज, WHO ने दी चेतावनी, कहा ये तो…

डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोन्वलसेंट प्लाज्मा के बारे में दुनियाभर में अभी कई क्लीनिकल परीक्षण चल रहे हैं. असल में उनमें से महज कुछ के परिणाम ही आये हैं.

 

फिलहाल, इसकी क्वालिटी अभी बहुत कम है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ (WHO) अब भी मानता है कि प्लाज्मा थेरेपी प्रायोगिक दौर में है उसका मूल्यांकन जारी रहना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस इलाज को मानक रूप देना मुश्किल है, क्योंकि लोगों में अलग-अलग स्तर पर एंटीबॉडीज बनता है प्लाज्मा का संग्रहण उबर चुके मरीजों से व्यक्तिगत रूप से होना चाहिए.

इस सम्मेलन में राष्ट्रपति पद के लिए तीन नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए ट्रंप को फिर रिपब्लिकन उम्मीदवार नामित किया जाएगा. ट्रंप ने व्हाइट हाऊस की ब्रीफिंग में कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए कहा, आज मैं चाइना वायरस (China virus) के खिलााफ अपनी लड़ाई में एक वाकई ऐतिहासिक घोषणा करने के लिए खुश हूं, क्योंकि यह कई जिंदगियां बचाएगी.

उन्होंने कहा, इस कदम से इस इलाज तक पहुंच बढ़ जाएगी. वहीं, जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कोन्वलसेंट प्लाज्मा का इस्तेमाल अब भी प्रायोगिक इलाज हैं.

अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक ने कोरोना वायरस (Corona virus) के मरीजों के इलाज के लिए ब्लड प्लाज्मा के उपयोग के लिए इमरेंजसी मंजूरी दी है. साथ ही कहा कि इस इलाज से फायदे किसी भी संभावित जोखिम से अधिक हैं.

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कहा कि देश में कोन्वलसेंट प्लाज्मा (Plasma) से 70,000 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया.

बता दें कि यह प्लाज्मा कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक चुके लोगों के ब्लड से लिया जाता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार दिवसीय रिपब्लिकन राष्ट्रीय सम्मेलन की पूर्व संध्या पर एफडीए के इस कदम का स्वागत किया.