रिसर्च में बताया गया है कि भले ही कोरोना की दवा को बना लिया जाए, लेकिन इसको खत्म करना मुश्किल दिख रहा है। इसके पीछे दावा किया जा रहा है कि कोरोना की दवा बनने में जितना समय लगेगा, उतना ही यह वायरस लोगों के शरीर में खुद को परिस्थितियों के हिसाब से ढाल लेगा। विशेषज्ञों ने बताया है .
अगर ऐसा हुआ तो आने वाले समय में कोरोना हमारे शरीर का हिस्सा बन जाएगा यानि यह एक ऐसी बीमारी बन जाएगी, जिसको आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता और यह लंबे समय तक दुनिया को परेशान करती रहेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में वैक्सीन खोजने के बावजूद कई वर्षों तक इस पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है। रिचर्स में यह भी कहा गया है कि कोरोना से बचने के लिए के लिए पूरी दुनिया की लगभग 70 फीसदी यानी 5.6 अरब आबादी को टीका लगाने की जरूरत होगी, ताकि उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा किया जा सके।
चीन ने दुनिया को कोरोना के रूप में ऐसी महामारी दी है, जिसका तोड़ पाना सबके लिए मुश्किल हो रहा है। हालांकि वैज्ञानिक दिन-रात एक करके इसकी दवा को खोजने में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई ऐसी सफलता हासिल नहीं हो पाई है.
जो लोगों को राहत दे सके। ऐसे में एक रिचर्स ने ऐसा चौंकाने वाला दावा किया है, जिसके बाद वैज्ञानिकों से लेकर आम आदमी सभी की नींद उड़ गई है।