अब मुस्लिमो ने माँगा बाबरी मस्जिद का…, सरकार ने देने से किया इंकार

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, इस पर प्रशासन ने साफ मना कर दिया है कि पूरे मामले का सुप्रीम कोर्ट से निस्तारण हो चुका है।

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि फैसले के बाद संपूर्ण भूमि के मालिक रामलला हो गए हैं। यह कैसे तय होगा कि कौन मलबा मंदिर का था, कौन मस्जिद का। ऐसे में इसका मलबा मांगने की मांग उपयुक्त नहीं है।

बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने बताया कि कोर्ट के आदेश में बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर 1992 को ढहाना आपराधिक कृत्य माना गया है, ऐसे में उसका पवित्र मलबा लेना जरूरी है। मस्जिद का निर्माण गैरकानूनी साबित नहीं हुआ है।

महबूब ने बताया कि हम विराजमान रामलला का दस गुणा दस फीट भूमि छोड़कर मस्जिद की मिट्टी, उसके खंभे, पत्थर आदि की मांग कर रहे हैं।

राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करने के बाद मुस्लिम पक्षकारों की ओर से बाबरी मस्जिद का मलबा हासिल करने के लिए हाजी महबूब और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है।