निर्भया केस : अब अलग – अलग होगी दोषियों की…कोर्ट ने सुनाया फैसला, कहा यहि बचा विकल्प

हर किसी के जेहन में ये ही सवाल उठ रहा है कि आखिरकार वो डेथ वारंट की वो कौन सी तारीख आखिरी होगी जब इनके सारे कानूनी अधिकार खत्म हो जाएगे और इन्‍हें फांसी पर लटकाकर इनकी दरिंदगी के लिए मौत की सजा दी जाएगी?

क्या कोर्ट इन्‍हें अलग-अलग फांसी पर लटकाने का आदेश दे सकती हैं। आइए जानते है इन सभी सवालों के जवाब ?निर्भया गैंगरेप केस के चारों दरिंदों की फांसी एक बार फिर टल चुकी हैं।

निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ केन्‍द्र सरकार की याचिका पर रविवार को हुई विशेष सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया हैं।

दरअसल कोर्ट द्वारा दो बार डेथ वारंट जारी किए जाने के बावजूद ये चारों हत्‍यारें कानूनी तिकड़म की वजह से फांसी से बचते जा रहे हैं। दोबारा फांसी टलने के बाद निर्भया के मां-बाप का सब्र का बांध टूट चुका है.

उन्‍हें तो अब ये डर सताने लगा कि कहीं वो दरिंदे फांसी से बच न जाए क्योंकि इस मामले में मानवाधिकार के पैरोकार भी सक्रिय हो चुके हैं। लेकिन निर्भया के परिजनों के साथ देश की जनता हर हाल में इन चारों दरिंदों को जल्द फांसी पर लटकता देखना चाहती हैं।