रातो – रात चीन पहुचा यहाँ , जानकर लोगो में मचा हडकंप

चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार Xichang सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से Beidou-3GEO3 उपग्रह का प्रक्षेपण पहले बीते मंगलवार को होना था. मगर कुछ तकनीकी खामियों के कारण इसमें देरी हुई. उपग्रह नेटवर्क के पूरा होने पर अब चाइना अरबों डॉलर की जियोलोकेशन सर्विस बाजार में एक अहम खिलाड़ी बनकर उभरा है.

Beidou को लॉन्च करने का उद्देश्य अमरीका के साथ कई राष्ट्रों की संचार प्रणाली को टक्कर देना है. अमरीका की ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS), रूस के ग्लोनास (GLONASS) व यूरोपीय संघ के गैलीलियो (Galileo) को इससे टक्कर मिलेगी. हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के एक खगोल विज्ञानी जोनाथन मैकडॉवेल के अनुसार उन्हें लगता है कि Beidou-3 सिस्टम के चालू होना एक बड़ी घटना है.

चीन ने वर्ष 1990 के दशक की आरंभ में इस कार्य की शुरूआत की थी. अपने उपग्रह के डेटा का उपयोग करने के लिए वह लगातार इस पर कार्य कर रहा था. अब इस सेवा का उपयोग लाखों लोग मोबाइल फोन पर रेस्तरां, पेट्रोल स्टेशन या सिनेमाघरों की तलाश करने से लेकर टैक्सियों व मानवरहित ड्रोन उड़ाने के लिए किया जा सकेगा.

चाइना ने मंगलवार को अमरीका के जीपीएस (GPS) नेटवर्क के मुकाबले अपने होमग्रोन जियोलोकेशन सिस्टम में अंतिम उपग्रह लॉन्च किया.

यह नेविगेशन के अरबों डॉलर के सुन्दर मार्केट में हिस्सेदारी को लेकर चाइना का एक बड़ा कदम है. दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में इस लॉन्च के फुटेज को सरकारी चैनल पर लाइव दिखाया गया. इसमें देखा गया कि पहाड़ों के बीच एक रॉकेट उड़ान भर रहा है. कुछ दर्शक अपने मोबाइल फोन से इसका वीडियो भी बना रहे हैं.