यूपी की सियासत में नई हलचल,अखिलेश यादव की ओर से बुलाई गई बैठक से दूर रहे आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला

सीतापुर जेल में सलाखों के पीछे करीब ढाई साल तक शांत बैठे रहे आजम खान के बाहर निकलते ही यूपी की सियासत में नई हलचल पैदा हो गई है। समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे आजम खान के अगले कदम को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। रविवार शाम को तस्वीर उस समय काफी कुछ साफ हो गई जब अखिलेश यादव की ओर से बुलाई गई सपा विधायक दल की बैठक से आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम नदारद रहे। अखिलेश यादव के बागी चाचा शिवपाल यादव भी इससे दूर रहे।

सपामुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले सपा विधायक दल की बैठक रविवार को लखनऊ में बुलाई। इस बैठक में सपा के सभी विधायकों को बुलाया गया था। विधानसभा में विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ पार्टी का रुख तय करने के लिए रविवार की दोपहर 12 बजे यह मीटिंग हुई। इस बैठक में न तो आजम खां ही शामिल हुए और न ही उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम। दोनों ही रविवार को रामपुर में ही मौजूद थे। आजम और अब्दुल्ला के सपा विधायकों की बैठक से दूरी बनाए रखने को लेकर सियासत गर्मा गई है। सपा से जुड़े नेता इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं।

आजम खान के करीबियों ने शुरुआत में कहा कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से आजम खान बैठक में नहीं जा रहे हैं। हालांकि, कुछ घंटे बाद ही रामपुर के विधायक आजम खान स्वार से विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ लखनऊ के लिए निकल पड़े। सोमवार को आजम खान विधानसभा में सदस्यता की शपथ ले सकते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अखिलेश यादव की बैठक से किनारा करके आजम खान ने यह जाहिर कर दिया है कि वह पार्टी के लिए सिरदर्द बढ़ाने वाले हैं। वैसे तो आजम खान सपा और अखिलेश यादव का नाम लेकर नाराजगी जाहिर करने से बचते आ रहे हैं। लेकिन इशारों में अपना दर्द जाहिर करने से नहीं चूक रहे हैं। रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नाराजगी की कोई वजह मुझे समझ में नहीं आती है, क्योंकि नाराज होने के लिए कुछ आधार चाहिए और मैं खुद ही निराधार हूं तो आधार कहां से आएगा। कहा कि मुझे जो मिला है, वह न्यायपालिका से मिला है, तभी तो मैं यहां पर खड़ा हूं।