नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा करने जा रहे ये काम , जानकर लोग हुए हैरान

अगस्त 2017 में अपनी भारत यात्रा के दौरान देउबा ने आठ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. एमओयू ने बड़े पैमाने पर नेपाल के पुनर्निर्माण में मदद की, जो 2015 में भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुआ था.

विश्वास मत जीतने के बाद देउबा को बधाई देने वालों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले नेता थे यह एक स्पष्ट संकेत है कि अद्वितीय दोनों देशों के लोगों के बीच सदियों पुराने बेहतरीन संबंध विशेष मित्रता अब अधिक ऊंचाइयों पर जाएगी.

मोदी ने कोविड-19 टीकों की आपूर्ति का भी आश्वासन दिया है. उम्मीद की जा रही है कि भारत की ओर से रुकी पड़ी टीकों की दस लाख खुराक की आपूर्ति जल्द ही फिर से शुरू हो जाएगी.

अगले आम चुनावों में लगभग डेढ़ साल का समय है देउबा ही देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरे हैं. वह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नेपाली लोगों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के तहत टीका लग जाए. चूंकि महामारी की तीसरी लहर का बड़ा खतरा मंडरा रहा है, इसलिए वह चाहते हैं कि नेपाल की पूरी आबादी का टीकाकरण हो जाए.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेपाल के भंग किए गए संसद के निचले सदन की बहाली शेर बहादुर देउबा के पांचवे कार्यकाल के लिए विश्वास मत जीतकर प्रधानमंत्री बनने से आखिरकार नेपालियों को राहत की सांस लेने में मदद मिली है.

इससे पहले प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे केपी शर्मा ओली लगातार विवादों में चल रहे थे. न केवल ओली, बल्कि उनके अधीन नेपाल भी सभी गलत कारणों से अंतराष्ट्रीय सुर्खियां बटोर रहा था हिमालयी राष्ट्र अनिश्चितताओं राजनीतिक अस्थिरता में डूब गया था.

हालांकि यह निश्चित नहीं है कि नेपाल भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों में क्या निहित है, मगर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बयानों ने उम्मीद जगाई है कि पिछले कुछ समय से बिगड़ते दोनों पड़ोसी देशों के संबंध जल्द ही सुधरेंगे.