भारतीय युवक को घसीट कर ले गयी नेपाली पुलिस, आक्रोश में लोग

मृतक विकेश की अभी दो साल पहले ही शादी हुई थी. वह अपनी पत्नी के साथ पिछले साल ही रोजी-रोटी के लिए पंजाब के लुधियाना गया था. वह लॉकडाउन में ही लौटा था. विकेश की गर्भवती पत्नी गूंजा और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

 

आजतक की टीम शनिवार को जानकी नगर गांव पहुंची तो वहां पर सन्नाटा पसरा था. अपने तीन बेटों में दूसरे नंबर के विकेश को खो देने से गमगीन मां-बाप नेपाल पुलिस को कोस रहे थे. जिनकी तरफ से की गई फायरिंग में उनके बेटे की मौत हो गई थी.

रोते हुए विकेश के पिता नागेश्वर राय ने कहा कि मेरे बेटे ने तो कुछ भी नहीं किया. वह तो बस वहां खड़ा था और नेपाल पुलिस ने उसे गोली मार दी. गोली मारने के बाद मेरे बेटे की लाश को घसीट कर नेपाल ले गए.

हम लोगों ने काफी विरोध किया और अपने बेटे की लाश को लेकर वापस भारत की सीमा में आए. घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने भारत और नेपाल की सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों से भी नाराजगी जताई.

नेपाल पुलिस ने भारतीय गांव के निवासियों पर 13 जून को फायरिंग की थी. नेपाल पुलिस की ओर से की गई फायरिंग की इस घटना में सीमावर्ती गांव जानकी नगर निवासी 21 साल के विकेश कुमार की मौत हो गई थी.

प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि विकेश की मौत के बाद नेपाल के पुलिसकर्मी उसका शव घसीटकर नेपाल की सीमा में ले गए. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने जब हंगामा किया, तब नेपाल के पुलिसकर्मी शव छोड़कर भाग निकले. इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है.