नेपाल ने इस्तेमाल की भारत की कोरोना वैक्सीन, भेजे 10 लाख डोज़

नेपाल को जो वैक्सीन की दूसरी खेप भेजी गई है, उससे वहाँ के बुजुर्गों का टीकाकरण किया जाएगा। 60 वर्ष से ज्यादा की आयु के लोगों को प्राथमिकता के रूप में वैक्सीन दी जाएगी।

नेपाल में 8.73 फीसद जनसंख्या बुजुर्गों की है। मार्च 7 को टीकाकरण अभियान का वहाँ दूसरा चरण आरंभ किया जाना है। भारत ने पाकिस्तान को छोड़ कर तक़रीबन सभी पड़ोसी देशों को ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत कोरोना वैक्सीन मुहैया करा दी है।

बता दें कि पिछले ही महीने नेपाल को भारतीय कोरोना वैक्सीन की दूसरी खेप प्राप्त हुई थी, जिसमें 10 लाख डोज उपलब्ध कराए गए थे। जिस ‘AstraZeneca’ के वैक्सीन की खेप नेपाल को उपलब्ध कराई गई.

उसे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा ‘Covishield’ नाम से बनाया गया है। जनवरी 2021 में नेपाल में इसके आपात प्रयोग को स्वीकृति दी गई थी। भारत द्वारा खेप भेजते ही वहाँ टीकाकरण अभियान आरंभ हो गया था।

पूरी दुनिया में अब ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वैक्सीन की धूम दिख रही है। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत में निर्मित वैक्सीन की माँग दुनिया के कई देश कर रहे हैं और उनमें से कइयों को तो इसकी खेप मुफ्त में भेजी गई है।

अब नेपाल के आर्मी चीफ पूर्ण चंद्र थापा ने ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लेकर भारत में बनी वैक्सीन की विश्वसनीयता और स्वीकार्यता को आगे बढ़ाने का काम किया है।