नेपाल ने दिखाई भारत को आँख, नक्शे पर लिया ये…

इससे पहले ईश्वर पोखरैल ने कहा था कि हम भारत के साथ लगातार बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि सीमा पर सेना तैनात करने का कोई मतलब नहीं है। संविधान संशोधन के इस मुद्दे पर सदन में मंगलवार को देर शाम तक चर्चा हुई।

नेपाल के प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधि सभा के समक्ष नए राजनीतिक नक्शे और एक नए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को मान्यता देने का प्रस्ताव रखा था। नेपाल की संसद में मंगलवार को इस पर बहस हुई और संविधान में संशोधन को मंज़ूरी मिल गई।

इस नक़्शे को संवैधानिक मान्यता देने के लिए संसद में संविधान संशोधन प्रस्ताव पर वोटिंग हुई नेपाल के उप प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ईश्वर पोखरैल के बातचीत के प्रस्ताव के कुछ ही घंटों बाद नेपाल की संसद ने देश के नए ‘विवादित’ राजनीतिक नक्शे के लिए संविधान संशोधन का प्रस्ताव पारित कर लिया है .

इस नए नक़्शे के प्रस्ताव को नेपाली संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है इस नक़्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल में दिखाया गया है।

नए नक्शे में नेपाल ने अब आधिकारिक रूप से 1816 में हुई सुगौली संधि के तहत लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र के रूप में दिखलाया है।

अब संशोधन के बाद कानून बनाकर नेपाल के नए नक्शे में कालापानी और लिपुलेख को दर्शाया जाएगा। संवैधानिक संशोधनों के एक बार पारित हो जाने के बाद यह नेपाल के नये मानचित्र को एक कानूनी स्थिति प्रदान करेगा जिसमें नेपाल भारत के कुछ हिस्सों को अपने हिस्से के रूप में प्रदर्शित करेगा।

अपने विवादित नक़्शे तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को लेकर नेपाल भारत से सुलह करने के मूड में नहीं है। नेपाल भारत के खिलाफ और आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है।

उसने विवादित नक़्शे को संवैधानिक दर्जा देने की तैयारी शुरू कर दी है। आज नेपाल की संसद में विवादित नक्शा को मान्यता देने के लिए संविधान संशोधन बिल पर आज वोटिंग हो सकती है। नेपाल के कानून मंत्री शिव माया ने 31 मई को संसद में इस पेश किया था।